विश्वास और विकास की जीत : उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ हुए नक्सलमुक्त

उत्तर बस्तर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बात पर जोर दिया है कि उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ का नक्सलवाद से मुक्त होना यह साबित करता है कि अब बस्तर क्षेत्र भय नहीं, बल्कि विश्वास और विकास की नई पहचान बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में, भारत नक्सलवाद के अंत की कगार पर खड़ा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में हुए आत्मसमर्पणों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले दो दिनों में 258 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो दर्शाता है कि बंदूक नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति विजयी हो रही है। उन्होंने महत्वपूर्ण आँकड़े साझा किए: पिछले 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 नक्सली मारे गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया, और 1785 गिरफ्तार हुए हैं। ये आँकड़े राज्य को नक्सलमुक्त बनाने के अडिग संकल्प को दर्शाते हैं।
नक्सलमुक्ति की राह और सरकारी नीतियाँ
मुख्यमंत्री श्री साय ने घोषणा की कि छत्तीसगढ़ को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब निकट है। यह सकारात्मक बदलाव राज्य सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है।
उन्होंने कहा कि “डबल इंजन” सरकार की संवेदनशील नीतियों, बस्तर में लगातार स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों, और वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ रहे विश्वास ने इस परिवर्तन को संभव बनाया है। अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 64 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न केवल सुरक्षा मज़बूत हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण हर गांव तक पहुँची है।
सुरक्षाबलों का शौर्य और निर्णायक संघर्ष
मुख्यमंत्री श्री साय ने हमारे वीर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया, जिनके समर्पण के कारण आज बस्तर भयमुक्त होकर शांति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर अब नक्सल आतंक से पूर्णतः मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई अपने निर्णायक चरण में है।
उन्होंने कहा कि “नियद नेल्ला नार” जैसी योजनाओं ने बस्तर में संवाद, विकास और संवेदना की एक नई ज़मीन तैयार की है। सरकार की नीति स्पष्ट है: हिंसा का कोई स्थान नहीं। जो नक्सली शांति और विकास का मार्ग चुनेंगे, उनका स्वागत है, लेकिन जो बंदूक उठाकर आतंक फैलाएँगे, उन्हें सुरक्षा बलों की सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
आत्मसमर्पण की अपील और केंद्र की सराहना
मुख्यमंत्री ने सभी नक्सलियों से भावुक अपील की: “हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण जीवन को एक नई दिशा देते हुए एक नई शुरुआत का रास्ता खोलता है।” उन्होंने उनसे अपनी मातृभूमि के भविष्य और अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए हथियार त्यागकर विकास की रोशनी में कदम रखने का आग्रह किया।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर पोस्ट कर जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर जैसे कभी आतंक के गढ़ रहे क्षेत्र अब पूरी तरह नक्सलमुक्त घोषित किए जा चुके हैं। उन्होंने इसे भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी सफलता और विकास, विश्वास तथा संवेदना की नई कहानी बताया। गृह मंत्री ने कहा कि यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि बंदूक नहीं, बल्कि संविधान पर विश्वास की शक्ति जीत रही है, और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सराहना करते हुए उनसे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने और देश की प्रगति में सहभागी बनने की अपील की।
















