विजयदशमी : छत्तीसगढ़ में शांति और सुशासन की ऐतिहासिक जीत का पर्व : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। इस वर्ष विजयादशमी का पर्व सिर्फ धर्म की अधर्म पर विजय का ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ में हिंसा और भटकाव पर विकास और सुशासन की ऐतिहासिक जीत का भी प्रतीक बन गया है।
नक्सलियों का आत्मसमर्पण: शांति की ओर निर्णायक कदम
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर में 103 नक्सलियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को प्रदेश के शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की दिशा में एक निर्णायक मोड़ बताया है और सुरक्षा बलों की सराहना की है।
सरकार की नीतियों का असर: विश्वास और आशा का संचार
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस सफलता का श्रेय राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” को दिया है। इन नीतियों ने लाल आतंक के भ्रम में पड़े लोगों के मन में विश्वास और आशा जगाई है।
“पूना मारगेम अभियान” से प्रेरित होकर बीजापुर में कुल 103 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। इनमें 49 ऐसे नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपए तक का इनाम घोषित था।
नई शुरुआत और सम्मानजनक जीवन
आत्मसमर्पण करने वाले हर व्यक्ति को नई शुरुआत के लिए 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके अलावा, नक्सल उन्मूलन नीति के तहत उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। अब तक, 1890 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो सरकार की नीतियों की प्रभावशीलता और जनता के विश्वास को दर्शाता है।
नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का संकल्प दोहराया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि आत्मसमर्पण करने वालों को सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य प्रदान किया जाएगा।
यह बदलाव केवल बस्तर क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समग्र छत्तीसगढ़ के शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।
















