बस्तर में बदलाव की लहर : विकास और विश्वास का नया दौर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा: बस्तर में अब विकास और विश्वास की बयार बह रही है
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह बात ज़ोर देकर कही है कि बस्तर की तस्वीर बदल रही है—अब यहाँ बंदूक और बारूद का धुआँ नहीं है, बल्कि विकास और विश्वास की एक नई लहर चल रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उल्लेख किया कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसे मानवीय अभियान उन लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं, जो कभी राह भटककर माओवादी हिंसा के मार्ग पर चले गए थे।
नारायणपुर में 16 माओवादी कैडरों ने मुख्यधारा में की वापसी
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि आज नारायणपुर ज़िले में 16 माओवादी कैडरों ने हिंसा का रास्ता त्याग कर मुख्यधारा में लौटने का साहसिक निर्णय लिया है। आत्मसमर्पण करने वाले इन कैडरों पर कुल ₹48 लाख का इनाम घोषित था। उन्होंने अब शांति, शिक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन की एक नई राह चुनी है।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार की नीतियों पर जनता का भरोसा बढ़ा है, और सुरक्षा बलों की दृढ़ता ने पूरे क्षेत्र में विकास और विश्वास का माहौल स्थापित किया है।
नीतियों का असर: बस्तर एक नए युग की ओर
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 20 महीनों में कुल 1,837 माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। यह महत्वपूर्ण परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि “डबल इंजन सरकार” की नीतियाँ न केवल क्षेत्र में शांति ला रही हैं, बल्कि बस्तर को एक नए युग की ओर ले जा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंत में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य केवल नक्सलवाद को खत्म करना नहीं है, बल्कि बस्तर के हर गाँव तक विकास, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की रोशनी पहुँचाना है।
















