प्रदेश की 3 करोड़ जनता के आरोग्य के साथ विकसित छत्तीसगढ़ का सपना करेंगे पूरा : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एक डेंटल कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य प्रदेश की 3 करोड़ जनता को स्वस्थ रखकर एक विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और उन्हें दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने का काम कर रही है। रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय ‘डेंटल कॉन्फ्रेंस 2025’ के उद्घाटन समारोह में उन्होंने दंत चिकित्सा से जुड़े उपकरणों की प्रदर्शनी भी देखी और डेंटल एसोसिएशन की वार्षिक स्मारिका का विमोचन किया।
स्वास्थ्य और विकास के लिए प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के पहले दिन से ही छत्तीसगढ़ के लोगों के स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखा गया है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में पाँच नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, और साथ ही फिजियोथेरेपी, नर्सिंग, और मातृ एवं शिशु अस्पतालों की स्थापना भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ छत्तीसगढ़ के बिना प्रगति संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। साल 2000 में जहाँ केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 15 हो गई है। आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना जैसी पहलों से मरीजों और बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिल रहा है, और सस्ती जेनेरिक दवाओं से आम लोगों को राहत मिल रही है।
दंत चिकित्सकों की भूमिका और चुनौतियाँ
श्री साय ने इस बात पर जोर दिया कि दंत चिकित्सकों की भूमिका लोगों की मुस्कान को स्वस्थ रखने और उसे बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि पान मसाला, गुटखा और तंबाकू के सेवन से मुँह के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दंत चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे इस खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाएँ।
उन्होंने संसद में अपने कार्यकाल की यादें साझा करते हुए बताया कि कैसे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ में एक एम्स (AIIMS) की स्थापना का निवेदन किया था। साल 2000 में छत्तीसगढ़ को छह राज्यों में से एक के रूप में एम्स की सौगात मिली।
2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ विजन 2047’ दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें 10 मिशनों के तहत प्रदेश को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य का जीएसडीपी (GSDP) 5 लाख करोड़ रुपये है, जिसे 2047 तक 75 लाख करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की ताकत उसके खनिज और वन संपदा के साथ-साथ यहाँ के मेहनती किसान और परिश्रमी लोग हैं। ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ (छत्तीसगढ़ के लोग सबसे अच्छे हैं) की कहावत को दोहराते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य 2047 के अपने लक्ष्यों को जरूर प्राप्त करेगा।
साय ने जीएसटी सुधारों का भी जिक्र किया और कहा कि जीएसटी स्लैब को 5 और 18 प्रतिशत में एकीकृत करने से व्यापार और कृषि क्षेत्र को लाभ होगा।
स्वास्थ्य मंत्री का वक्तव्य
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित इलाकों तक भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ पहुँच सकें। उन्होंने बताया कि बस्तर में 20 विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं, और सुकमा जिले के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को एनक्यूएएस (NQUAS) प्रमाणपत्र मिला है।
उन्होंने बताया कि नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति से अब कुल 15 मेडिकल कॉलेज हो जाएँगे। साथ ही, बिलासपुर में एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 12 नए नर्सिंग कॉलेज और पाँच फिजियोथेरेपी कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दूरस्थ और आदिवासी बहुल इलाकों के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट और बाइक एंबुलेंस सेवाएँ भी शुरू की जा रही हैं। श्री जायसवाल ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ पूरे देश में सबसे ज्यादा कैशलेस इलाज की सुविधा देने वाला राज्य बन गया है।
कॉन्फ्रेंस में इंडियन डेंटल एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार, पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह और कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. वैभव तिवारी सहित देश भर से कई दंत चिकित्सक मौजूद थे।
















