छत्तीसगढ़

युवा नवाचार से सजेगा आत्मनिर्भर भारत का भविष्य : टंक राम वर्मा

रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में ‘आत्मनिर्भर भारत में युवाओं की भूमिका: नवाचार और उद्यमिता’ विषय पर एक विशिष्ट सत्र और परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल (IIC) द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान के तहत सोमवार को आयोजित हुआ।

इस सत्र में छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उनके साथ उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

आयोजन का मुख्य लक्ष्य

इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और उद्यमशीलता की भावना को बल देना था, ताकि देश के युवा आत्मनिर्भरता के मिशन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकें। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों और नवाचार से जुड़े वक्ताओं ने अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।

मंत्री वर्मा के प्रेरणादायक विचार

उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा ने युवाओं को राष्ट्रीय पुनर्जागरण का वाहक बताते हुए कहा कि नवाचार पर आधारित उद्यमशीलता न केवल नए उद्योग स्थापित कर रही है, बल्कि यह स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और नए रोजगार के अवसरों को भी जन्म दे रही है।

सरकारी पहलें और वैश्विक नेतृत्व

मंत्री वर्मा ने केंद्र सरकार की प्रमुख पहलों जैसे स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैण्डअप इंडिया को युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत के युवा एआई (AI), रोबोटिक्स, ड्रोन, फिनटेक, एग्रीटेक और बायोटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं।

सफलता का मूलमंत्र

उन्होंने स्पष्ट किया कि उद्यमिता का वास्तविक आधार जोखिम लेने का साहस, स्पष्ट दृष्टिकोण और निरंतर परिश्रम है। मंत्री वर्मा ने विफलता को एक सीखने का अवसर मानते हुए युवाओं को बिना रुके आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

विकसित छत्तीसगढ़ और भविष्य की योजनाएँ

मंत्री वर्मा ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य को साधने के लिए विभिन्न नवाचार और युवा-केंद्रित गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में, स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी) के अवसर पर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में “रन फॉर स्वदेशी” का आयोजन किए जाने की भी घोषणा की गई।

युवाओं को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि देश को केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले युवाओं की आवश्यकता है। उन्होंने दोहराया कि विकसित भारत का भविष्य युवा शक्ति के नवाचार पर ही टिका हुआ है।

मार्गदर्शन और आह्वान

कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को स्टार्टअप मार्गदर्शन, नवाचार की प्रक्रियाएँ, प्रेरक उद्यमशील उदाहरणों और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सत्र के समापन पर, IIC ने सभी छात्रों से नवाचार और उद्यमशीलता की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भागीदार बनने का आह्वान किया।

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