गोंदिया में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण : मुख्य कमांडर समेत कई बड़े नामों ने डाले हथियार

प्रमुख नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
गोंदिया (एजेंसी)। महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। हाल ही में बोरतलाव के पास कनघुर्रा जंगल में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद, एमएमसी (महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) ज़ोन के दर्रेकसा दलम के एसजेडसी (स्पेशल ज़ोनल कमेटी) सदस्य आनंद उर्फ विकास नगपुरे ने अपने 11 साथियों के साथ महाराष्ट्र पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
विकास नगपुरे एमएमसी ज़ोन में कुख्यात नक्सलियों की सूची में शीर्ष स्थान पर था। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव और मध्य प्रदेश की पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी।
बड़े इनामी नक्सली भी शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में विकास के अलावा डीवीसी (डिवीजनल कमेटी) सदस्य नागसु उर्फ गोलू और रानो उर्फ रम्मो भी शामिल हैं। इस तरह, कुल 11 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं।
इन नक्सलियों पर घोषित ईनाम की राशि बहुत बड़ी थी:
विकास नगपुरे: सर्वाधिक ₹25 लाख का ईनाम।
नागसु और रानो: क्रमशः ₹16-16 लाख का ईनाम।
अन्य नक्सली: इन पर भी ₹2 लाख से लेकर ₹6 लाख तक के ईनाम घोषित थे।
मोहल्लत मांगने के बाद अचानक समर्पण
आत्मसमर्पण से ठीक एक दिन पहले, विकास ने एमएमसी ज़ोन के प्रवक्ता ‘अनंत’ के नाम से एक बयान जारी कर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों तथा पुलिस से 1 जनवरी 2026 तक की मोहलत मांगी थी।
हालांकि, मोहलत मिलने का इंतजार किए बिना ही इन सभी नक्सलियों ने गोंदिया जिले के दर्रेकसा क्षेत्र में अचानक समर्पण कर दिया।
भारी मात्रा में हथियार सौंपे
समर्पण के समय, नक्सलियों ने पुलिस को बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद सौंप दिए। मुख्य नक्सली विकास ने पुलिस को अपनी एके-47 राइफल सौंपी। इसके अलावा, अन्य नक्सलियों ने एसएलआर (SLR) और इंसास (INSAS) राइफलों सहित अन्य अत्याधुनिक हथियार भी पुलिस के हवाले कर दिए।
पुलिस उप महानिरीक्षक (नक्सल) अंकित गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मसमर्पित नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें मुख्यधारा में लौटने में सहयोग का आश्वासन दिया।
















