देश-विदेश

ह नया भारत है, सहता नहीं – जवाब देता है’: संसद में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली (एजेंसी)। संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बहुप्रतीक्षित चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष और पूरे देश के सामने भारत की सुरक्षा नीति को स्पष्ट शब्दों में रखा। उन्होंने दो टूक कहा कि “आज का भारत आतंक के खिलाफ न केवल चुप नहीं बैठता, बल्कि ज़रूरत पड़ी तो दुश्मन के घर में घुसकर जवाब देता है।”

राजनाथ सिंह ने सदन में बताया कि इस ऑपरेशन में भारत के किसी भी जवान को क्षति नहीं पहुंची। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर कोई सवाल पूछना है तो यह पूछिए कि हमारे सैनिक सुरक्षित लौटे या नहीं – और जवाब है, हां, पूरी तरह सुरक्षित।

शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता

राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश के साथ-साथ पूरी दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया और कहा, ‘लड़ाई हमेशा बराबरी वालों से की जाती है, शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता, पाकिस्तान से मुकाबला कर भारत लेवल खराब नहीं करेगा।’ उन्होंने कहा, आतंकवाद को समर्थन देने वालों को यह स्पष्ट संदेश चला गया है कि भारत अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।

“आतंक की जड़ तक पहुंचना अब भारत की नीति”

रक्षा मंत्री ने कहा, “आज भारत सिर्फ़ आतंकी हमले सहने वाला देश नहीं है। यह वो भारत है जो आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करता है। जब दुश्मन बातचीत नहीं समझता, तो उसे जवाब देना ही एकमात्र रास्ता होता है।”

उन्होंने बताया कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों को सख्त संदेश दिया गया है कि भारत अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

सभी दलों से की एकजुटता की अपील

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का परिचय देने का है। उन्होंने कहा कि ‘संगच्छध्वं संवदध्वं’ के मंत्र से प्रेरणा लेते हुए हमें एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। हमारी सामाजिक और राजनीतिक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने संसद और देश की जनता को भरोसा दिलाया कि सरकार, सेना और संस्थाएं देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

मोदी सरकार के नेतृत्व में बदला भारत का रुख

राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की, और 2019 में पुलवामा हमले के जवाब में बालाकोट एयरस्ट्राइक। इसके बाद पहली बार ब्रिक्स सम्मेलन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया।

“यह सिर्फ़ कूटनीतिक जीत नहीं, भारत की बदलती रणनीति और मजबूत वैश्विक छवि का प्रतीक है,” रक्षा मंत्री ने कहा।

सामाजिक और राजनीतिक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत

उन्होंने विपक्षी दलों से आह्वान किया, ‘आइए हम सभी दलगत भेदभाव से ऊपर उठकर, ‘संगच्छध्वं संवदध्वं’ के मंत्र से प्रेरणा लेकर एक साथ खड़े हों। हम इस राष्ट्रीय संकल्प को मजबूत करें, यही हम सबका राष्ट्रीय दायित्व है। रक्षा मंत्री ने कहा, यह समय एकजुट होकर अपनी सुरक्षा, संप्रभुता और आत्मसम्मान की रक्षा के संकल्प को और अधिक मजबूत करने का है। हमें यह याद रखना होगा कि हमारी सामाजिक और राजनीतिक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

पाकिस्तान पर फिर साधा निशाना

राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश के साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं जहां “लोकतंत्र नहीं, धार्मिक कट्टरता और भारत के प्रति नफरत ही शासन करती है।” उन्होंने कहा कि जहां खून बहता है, वहां बातचीत नहीं होती। पाकिस्तान की नीति और नीयत अब जगजाहिर है। वहां आतंकियों को राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाता है, सेना के अफसर शामिल होते हैं। ऐसे देश से शांति की उम्मीद करना बेमानी है।

रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद संसद में गर्म माहौल बन गया, लेकिन उनके रुख ने साफ कर दिया कि भारत अब “नरम कूटनीति” से नहीं, “निर्णायक कार्रवाई” की राह पर है।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार के रुख ने विपक्ष की कई आशंकाओं को भी सिरे से खारिज किया और देश को यह संदेश दिया कि सेना की तैयारी और नेतृत्व पूरी तरह सक्षम है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button