सिंहस्थ-2028 : दिसंबर 2027 तक पूरे होंगे सभी निर्माण कार्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ महापर्व की तैयारी समय पर पूरी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि सभी निर्माण कार्य दिसंबर 2027 तक हर हाल में पूरे हो जाने चाहिए, ताकि भीड़ प्रबंधन और अन्य सभी धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित की जा सके। यह निर्देश उन्होंने मंत्रालय में हुई सिंहस्थ-2028 के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति की चौथी बैठक में दिए।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय सहित अन्य मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे।
स्थानीय लोगों की भागीदारी और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जोर दिया कि सिंहस्थ से जुड़े निर्माण कार्यों में स्थानीय निवासियों को शामिल किया जाए और उनकी राय को भी महत्व दिया जाए।
उन्होंने पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और वाहनों की पार्किंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही, स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए कचरा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए। उज्जैन शहर को सात ज़ोन में बांटकर पेयजल, स्वच्छता, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य और आवास जैसी व्यवस्थाओं का प्रबंधन किया जाएगा।
₹2675 करोड़ के 33 कार्यों को मिली मंजूरी
बैठक में सिंहस्थ-2028 के लिए कुल ₹2675 करोड़ के 33 कार्यों को मंजूरी दी गई। इनमें से 25 कार्य उज्जैन में, 3 खंडवा में, 2 मंदसौर में और 3 खरगोन में होंगे। ये कार्य विभिन्न विभागों जैसे नगरीय विकास, लोक निर्माण, रेलवे, पर्यटन, गृह और जल संसाधन से संबंधित हैं।
उज्जैन में सड़कों और घाटों का विकास
सिंहस्थ बायपास से मेला क्षेत्र को जोड़ने वाले 12 किलोमीटर लंबे 6-लेन मार्ग (एमआर-22) को मंजूरी दी गई। यह सड़क क्षिप्रा नदी के पास स्थित मंदिरों और सभी घाटों को जोड़ेगी। इसके अलावा, ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए कार्तिक मेला मैदान से नईखेड़ी तक 3 किलोमीटर का 4-लेन मार्ग भी अनुमोदित किया गया है।
अन्य प्रमुख कार्यों में ये शामिल हैं:
शनि मंदिर से जीवनखेड़ी रोड
शांतिधाम चौराहा से शनि मंदिर रोड
महाराजवाड़ा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर चौराहा
ये सभी मार्ग उज्जैन में श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाएंगे।
यातायात को बेहतर बनाने के लिए कई सड़कों का चौड़ीकरण
सुगम यातायात के लिए कई अन्य सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण को भी मंजूरी मिली है। इनमें जूना सोमवारिया से पिपली नाका तक 4-लेन, पिपली नाका से गढ़कालिका मंदिर तक 6-लेन, और भैरवगढ़ जेल चौराहा से पिपली नाका तक 6-लेन जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, महाकाल पार्किंग से चौबीस खंबा सड़क, हरसिद्धि पाल से रामघाट रोड, और नीलकंठ द्वार से महाकाल चौराहा तक की सड़कों को भी चौड़ा किया जाएगा।
ओंकारेश्वर, मंदसौर और महेश्वर में भी विकास कार्य
ओंकारेश्वर (खंडवा): श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मौजूदा झूला पुल के समानांतर ₹48.37 करोड़ की लागत से एक नया पुल बनाया जाएगा। मुख्य मंदिर और पुराने पुल से मंदिर तक के रास्ते का भी विकास होगा।
मंदसौर: पशुपतिनाथ मंदिर के पास शिवना नदी पर घाटों के निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए ₹12.32 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
महेश्वर (खरगोन): यहां ₹110 करोड़ की लागत से ‘अहिल्या लोक’ का निर्माण किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को देवी अहिल्याबाई के कार्यों के बारे में जानकारी देगा।
बैठक में क्षिप्रा नदी में जल का निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करने की योजना, बिजली आपूर्ति व्यवस्था और अन्य संबंधित विभागों के कार्यों की भी समीक्षा की गई।
















