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ओवैसी का तेजस्वी यादव पर तीखा वार : ‘वोटर मोदी की गोद में, नेता अहंकार में’

मधुबनी (एजेंसी)। असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM प्रमुख, बिहार चुनाव के माहौल में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। सोमवार को मधुबनी के जीरो माइल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर सीधा हमला बोला।

ओवैसी ने RJD नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हीं की राजनीतिक अपरिपक्वता के कारण भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत मिलती है, बावजूद इसके वे AIMIM पर भाजपा की ‘बी टीम’ होने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इसलिए जीतती है क्योंकि तेजस्वी यादव का वोटर (मतदाता) “मोदी की गोद में बैठकर चाय पी रहा है”, जिसका अर्थ है कि वे अपने मतदाताओं को भाजपा के खिलाफ एकजुट नहीं रख पाते। उन्होंने तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए आगाह किया कि अगर वे इसी तरह अहंकार में डूबे रहे, तो यह बिहार के लिए हानिकारक होगा और राज्य की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

मुस्लिम नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने विशाल जनसमूह से कहा कि 70 साल का समय यह समझने के लिए पर्याप्त है कि जब तक मुस्लिम समाज अपना नेतृत्व स्वयं तैयार नहीं करेगा, तब तक उनके मुद्दों पर गंभीरता से बात नहीं की जाएगी। उन्होंने बिहार में मुस्लिमों की 19% आबादी का हवाला देते हुए कहा कि यह इतना बड़ा वर्ग है कि इसके सहयोग के बिना न तो कोई सरकार बन सकती है और न ही कोई महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे केवल वोट डालकर घर न बैठें, बल्कि अपनी लीडरशिप तैयार करें। उन्होंने AIMIM की लड़ाई में लोगों का सहयोग मांगा और इसे ‘अपनी’ लड़ाई बताया।

नीतीश-भाजपा की वापसी नहीं चाहते

ओवैसी ने बिहार के युवाओं के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की, खासकर यह देखते हुए कि राज्य की 60% आबादी 25 साल से कम उम्र की है। उन्होंने कहा कि लोगों ने सालों तक राजनीतिक दलों को जिताया, लेकिन उन्हें कोई खास लाभ नहीं मिला। उन्होंने भारत में कट्टरता और मुसलमानों के प्रति बढ़ती नफरत का जिक्र किया और कहा कि मुस्लिम समुदाय न्याय चाहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी मजलिस (AIMIM) यह नहीं चाहती कि बिहार में दोबारा नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार बने।

गठबंधन के प्रस्ताव को ठुकराया गया

ओवैसी ने खुलासा किया कि उन्होंने कांग्रेस और लालू यादव को पत्र लिखकर गठबंधन करने और अपनी पार्टी को 6 सीटें देने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि उनकी शर्त थी कि अगर गठबंधन की सरकार बनती है, तो उनका कोई विधायक मंत्री पद नहीं लेगा, लेकिन भाजपा की सांप्रदायिकता से लड़ने के लिए एकजुट होना आवश्यक है।

उन्होंने दुख व्यक्त किया कि उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। ओवैसी ने अंत में चेतावनी दी कि अगर चुनाव के नतीजे अलग आते हैं, तो लोगों को पता चलेगा कि वास्तव में मोदी को बिहार में आने से कौन रोक रहा था। उन्होंने उन पर बी टीम का आरोप लगाने वालों को आईना दिखाते हुए दोहराया कि भाजपा उनकी (RJD की) वजह से जीतती है, क्योंकि “तेजस्वी का वोटर मोदी की गोद में बैठकर चाय पी रहा है।”

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