पाकिस्तान को तालिबान की दो-टूक : शांति नहीं तो और रास्ते खुले हैं

नई दिल्ली (एजेंसी)। तालिबान शासित अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी, जो भारत (India) के अपने पहले दौरे पर हैं, ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान पाकिस्तान (Pakistan) के साथ चल रहे टकराव का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि शांति की ये कोशिशें कामयाब नहीं होती हैं, तो उनके पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। अफगान दूतावास में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुत्तकी की यह टिप्पणी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है।
इससे पहले गुरुवार को, पाकिस्तान ने काबुल में हवाई हमले किए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़पें हुईं। तालिबान ने दावा किया था कि उन्होंने इन झड़पों में पाकिस्तान के 58 सैनिकों को मार गिराया है। मुत्तकी ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, लेकिन अगर शांति प्रयास सफल नहीं होते हैं, तो हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “पाकिस्तान के लोगों और सरकार के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, लेकिन उस देश में कुछ तत्व हैं जो समस्याएँ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।”
सीमा पर तनाव और सैन्य कार्रवाई
उधर, सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अफगान बलों द्वारा किए गए ‘हमलों’ के जवाब में 19 अफगान सैन्य चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया था। काबुल ने दावा किया कि जवाबी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 अन्य घायल हुए।
तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के रक्षा मंत्रालय ने रविवार तड़के इन हमलों की पुष्टि की और कहा कि उसके बलों ने जवाबी और सफल अभियान चलाए। मंत्रालय ने चेतावनी दी, “अगर विरोधी पक्ष फिर से अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है, तो हमारे सशस्त्र बल देश की सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं और कड़ा जवाब देंगे।”
अफगान बलों ने खैबर पख्तूनख्वा में अंगूर अड्डा, बाजौर, कुर्रम, दीर और चित्राल के साथ-साथ बलूचिस्तान में बारामचा स्थित पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया था। टोलो न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि शनिवार रात के अभियानों के दौरान 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और लगभग 30 घायल हुए। मुजाहिद ने आगे कहा कि डूरंड रेखा के पार इस जवाबी कार्रवाई के दौरान, 20 पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियां नष्ट कर दी गईं और बड़ी संख्या में हथियार और सैन्य उपकरण जब्त किए गए।