काशी की देव दीपावली : 25 लाख दीपों की जगमगाहट, 3D शो और लेजर का अद्भुत समागम

वाराणसी (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भव्य दीपोत्सव के बाद अब महादेव की नगरी काशी ‘देव दीपावली’ के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है, जो रोशनी से सराबोर हो उठेगी। इस वर्ष गंगा के अर्धचंद्राकार घाटों पर लगभग 25 लाख दीये जलाए जाएंगे, जो अभूतपूर्व दिव्यता का प्रदर्शन करेंगे। यह पूरा आयोजन प्राचीन परंपरा और आधुनिक तकनीक का एक अनोखा मेल होगा। ‘देवों की दिवाली’ पर गंगा के दोनों तटों से निकलने वाला प्रकाश आकाश को भी आलोकित करेगा। वहीं, अत्याधुनिक 3D लेजर और फायर क्रैकर्स शो इस पावन पर्व को विश्व स्तरीय पहचान दिलाएंगे।
3 से 5 नवंबर तक विशेष कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि देव दीपावली को यादगार बनाने के लिए 3 से 5 नवंबर तक कई विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित होगी। इस दौरान, चेत सिंह घाट और गंगा द्वार घाट पर अत्याधुनिक 3D प्रोजेक्शन मैपिंग और लेजर शो का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह शो गंगा, काशी और देव दीपावली से जुड़ी पौराणिक कथाओं को आधुनिक तकनीक के साथ प्रस्तुत करेगा, जिससे श्रद्धालुओं को एक अविस्मरणीय और दिव्य अनुभव मिलेगा।
25 मिनट का मनमोहक शो
इस विशेष प्रस्तुति के लिए कुल 25 मिनट का दृश्य अनुभव तैयार किया गया है, जिसमें 17 मिनट प्रोजेक्शन मैपिंग और 8 मिनट का लेजर शो शामिल है। घाटों और ऐतिहासिक इमारतों की दीवारों पर भगवान शिव, गंगा, वाराणसी और देव दीपावली के पौराणिक प्रसंगों पर आधारित झाँकियाँ दिखाई जाएँगी। संवाद और संगीत का संयोजन इसे श्रद्धा और तकनीक का एक जीवंत संगम बनाएगा।
25 लाख दीपों से रोशन होंगे काशी के घाट
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस बार देव दीपावली पर कुल 25 लाख दीप जलाए जाएँगे। इनमें से 10 लाख दीप राज्य सरकार की ओर से और शेष दीप स्थानीय समितियों द्वारा प्रज्वलित किए जाएंगे। घाटों पर रोशनी की यह अद्भुत सजावट न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगी, बल्कि काशी के सौंदर्य को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
पर्यावरण-अनुकूल आतिशबाजी से गूंजेगी गंगा नगरी
इस बार घाटों पर केवल दीप ही नहीं, बल्कि आकाश भी रोशनी से नहा उठेगा। करीब डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में 10 मिनट का कोरियोग्राफ्ड फायर क्रैकर्स शो आयोजित किया जाएगा। यह शो पर्यावरण-अनुकूल ‘ग्रीन क्रैकर्स’ और कंप्यूटर नियंत्रित तकनीक से संचालित होगा, जो औसतन 200 मीटर की ऊंचाई तक रंग-बिरंगी रोशनी बिखेरेगा। यह मनमोहक दृश्य वाराणसी की देव दीपावली को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देगा।
सुरक्षा और व्यवस्था की व्यापक तैयारियां
इस वर्ष देव दीपावली पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है। प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात व्यवस्था और स्वच्छता के लिए विस्तृत प्रबंध किए हैं। घाटों पर सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन सर्विलांस और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी, ताकि हर आगंतुक को सुरक्षित माहौल मिल सके।
देव दीपावली से पहले ‘गंगा महोत्सव’
देव दीपावली से पहले 1 से 4 नवंबर तक ‘गंगा महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। पर्यटन सूचना अधिकारी नितिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस दौरान स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकार संगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। घाटों की सफाई, सजावट और प्रकाश व्यवस्था का कार्य तेजी से चल रहा है। गंगा महोत्सव में काशी की कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता की झलक देखने को मिलेगी, जबकि 5 नवंबर को देव दीपावली के दिन काशी का हर घाट साक्षात स्वर्ग के समान प्रकाशित होगा। दीयों की यह अद्भुत माला जब गंगा जल पर प्रतिबिंबित होगी, तो ऐसा लगेगा मानो स्वयं देवता काशी में अवतरित हुए हों।










