टॉप न्यूज़

दिल्ली कार ब्लास्ट : फिदायीन हमलावर था डॉ. उमर नबी, एक और आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए कार बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। एजेंसी ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर के साथ मिलकर इस आतंकी साजिश को अंजाम दिया था।

मुख्य साजिशकर्ता गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपी की पहचान आमिर राशिद अली के रूप में हुई है, जो जम्मू-कश्मीर के सांबूरा, पंपोर का निवासी है।

धमाके में इस्तेमाल की गई कार इसी आरोपी के नाम पर पंजीकृत थी।

एनआईए ने उसे दिल्ली से पकड़ा। दिल्ली पुलिस से जांच का जिम्मा लेने के बाद, एनआईए ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद आमिर गिरफ्त में आया।

जांच से पता चला है कि आमिर, पुलवामा के उमर उन नबी नामक व्यक्ति के साथ मिलकर इस हमले की योजना में शामिल था।

वह दिल्ली इसलिए आया था ताकि उस कार को खरीदने में मदद कर सके, जिसे बाद में आईईडी (विस्फोटक उपकरण) के रूप में इस्तेमाल किया गया।

आमिर को पहले 11 नवंबर को हिरासत में लिया गया था और लंबी पूछताछ के बाद उसकी भूमिका स्थापित होने पर रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

असिस्टेंट प्रोफेसर निकला फिदायीन हमलावर

धमाके वाली कार का ड्राइवर और आत्मघाती हमलावर (सुसाइड बॉम्बर) डॉ. उमर उन नबी था, जिसकी पहचान फोरेंसिक जांच के जरिए हुई है।

उमर पुलवामा का रहने वाला था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था।

यानी, एक डॉक्टर ही इस आतंकी साजिश का हिस्सा निकला।

एनआईए ने उमर उन नबी की एक और गाड़ी जब्त की है जिसकी जांच सबूत जुटाने के लिए की जा रही है। अब तक एजेंसी 73 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है, जिनमें धमाके में घायल हुए लोग भी शामिल हैं। 10 नवंबर को हुए इस धमाके ने पूरे देश को हिला दिया था।

कई राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर जांच

एनआईए इस मामले की गहन जांच के लिए दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांच एजेंसी का मुख्य उद्देश्य इस धमाके के पीछे जुड़े लोगों और संगठनों की पहचान करना है, साथ ही उनकी साजिश के दायरे का पता लगाना है।

एनआईए के अनुसार, इस हमले में कुल 10 लोगों की मौत हुई है।

शुरुआती जांच में 20 से अधिक डॉक्टर रडार पर

जांच के शुरुआती चरण में, सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 20 से ज़्यादा डॉक्टरों से पूछताछ की है, जिनमें से अधिकांश को रिहा कर दिया गया। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी लगभग 200 संदिग्धों को हिरासत में लिया, लेकिन कई को बाद में छोड़ दिया गया।

एजेंसियों का कहना है कि कार्रवाई मुख्य रूप से ‘सस्पिशन’ (शक) के आधार पर की जा रही है क्योंकि जांच अभी प्राथमिक अवस्था में है।

हालांकि, डॉ. अदील, डॉ. मुझम्मिल, डॉ. शाहीन और मौलवी इरफान उन मुख्य आरोपियों में शामिल हैं जिन्हें पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है।

रविवार के घटनाक्रम

लाल किला मेट्रो स्टेशन को दोबारा खोला गया।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी में छापेमारी जारी रही और उमर नबी के करीबी बताए जा रहे दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।

धमाका स्थल से 9mm कैलिबर के कारतूस मिले हैं, जिनकी सोर्सिंग की जांच फॉरेंसिक टीमें कर रही हैं।

जांच एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल ‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकवादी मॉड्यूल था, जो काफी संगठित और तकनीकी समझ रखने वाला था, जिसमें मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल थे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button