छत्तीसगढ़

डॉ. रमन सिंह ने किया ऑडिट पखवाड़ा का उद्घाटन

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार को रायपुर में प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय द्वारा आयोजित ऑडिट पखवाड़ा का शुभारंभ किया।

प्रधान महालेखाकार कार्यालय 20 नवंबर से 9 दिसंबर तक ‘ऑडिट दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) संस्था की स्थापना का स्मरण करना और लोक प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा सुशासन को मजबूत करने में लेखा परीक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है।

CAG की ऐतिहासिक भूमिका और भविष्य

डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में CAG के 165 वर्षों के लंबे इतिहास की सराहना की। उन्होंने कहा कि, “मैं नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 165 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा और राष्ट्र की आर्थिक नैतिकता के सबसे मजबूत स्तंभ के रूप में इसकी भूमिका को सलाम करता हूँ। CAG 2.0 और डिजिटल इंडिया के युग में, ऑडिटिंग की भूमिका अब केवल ‘त्रुटियों की पहचान’ तक सीमित नहीं रही है, बल्कि यह ‘परिणाम-आधारित शासन’ को बढ़ावा देने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का एक माध्यम बन गई है।”

उन्होंने ज़ोर दिया कि भारतीय संविधान ने लोकतंत्र का संतुलन बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सार्वजनिक धन का उपयोग सही और जवाबदेह तरीके से हो, CAG को विशेष शक्तियाँ प्रदान की हैं। उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के आगमन पर प्रकाश डाला, जिसने भ्रष्टाचार और बिचौलियों से मुक्त समाज के निर्माण में सहायता की है।

छत्तीसगढ़ का प्रौद्योगिकी-संचालित शासन मॉडल

विधानसभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ के संदर्भ में अपनी प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में हमारी प्राथमिकता एक सक्षम, प्रौद्योगिकी-संचालित और नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल स्थापित करना है। मुझे विश्वास है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसे उपकरणों से लैस यह ‘ऑडिट पखवाड़ा’, ‘CAG-प्लस’ की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा।”

प्रौद्योगिकी-आधारित वित्तीय प्रशासन में प्रधान महालेखाकार कार्यालय

प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), छत्तीसगढ़ के यशवंत कुमार ने अपने संबोधन में वित्तीय पारदर्शिता और दक्षता में कार्यालय द्वारा हाल ही में की गई प्रगति को साझा किया।

उन्होंने बताया कि उनका कार्यालय प्रौद्योगिकी-आधारित वित्तीय प्रशासन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कार्यालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में ‘ई-कुबेर’ का सफल कार्यान्वयन, मासिक सिविल अकाउंट जमा करने की समय सीमा को अगले महीने की 25 तारीख से घटाकर 10 तारीख करना, और 91% से अधिक डेटा पुनर्मिलन शामिल है।

यशवंत कुमार ने आगे कहा, “माननीय CAG के दृष्टिकोण के अनुरूप, हम प्रशासन में गुणात्मक सुधार लाने के लिए अब ‘अनुपालन-आधारित जाँच’ से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे सार्वजनिक विश्वास मजबूत हो रहा है। हमने हाइब्रिड ऑडिट्स, डेटा एनालिटिक्स और IFMS 2.0 को लागू करने में सक्रिय रूप से भागीदारी की है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है: सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और सहयोग के माध्यम से पारदर्शी और जवाबदेह शासन मॉडल तैयार करना।”

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में दिनेश शर्मा (सचिव, छत्तीसगढ़ विधान सभा), अरुण कुमार बिसेन (विधान सभा अध्यक्ष के सचिव), श्रीमती प्रियाती कावड़ो (वरिष्ठ उपमहालेखाकार), एम.एस. डहरिया (वरिष्ठ उपमहालेखाकार), श्रीमती जी. एजिलरसी (उपमहालेखाकार), और नितिन पुके (उपमहालेखाकार) सहित प्रधान महालेखाकार कार्यालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button