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मुंबई हमला सिर्फ शहर पर नहीं, पूरी मानवता पर किया गया था : इज़राइली राजदूत

मुंबई (एजेंसी)। 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की 17वीं बरसी पर दुनिया भर के नेताओं और राजनयिकों ने पीड़ितों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।

भारत में इज़राइल के राजदूत, रुवेन अजार, ने इस दर्दनाक घटना के पीड़ितों को याद किया और आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत को इज़राइल के निरंतर समर्थन की बात दोहराई। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुंबई पर हुआ यह हमला केवल एक शहर पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर किया गया क्रूर वार था।

‘इस दर्द को इज़राइल अच्छी तरह समझता है’

राजदूत रुवेन अजार ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में लिखा कि आज जब भारत इस दुखद मुंबई हमले की बरसी मना रहा है, तब इज़राइल के लोग भारत के साथ एकजुटता से खड़े हैं। उन्होंने कहा, “मुंबई हमला सिर्फ मुंबई पर ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता पर हमला था। इस हमले में हर वर्ग, हर राष्ट्रीयता और हर धर्म के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया था। दुर्भाग्य से, इज़राइल इस तरह के दर्द को भली-भांति समझता है।”

रुवेन अजार ने आगे कहा कि “हम जानते हैं कि आतंकवाद जब किसी मासूम की जान लेता है तो कैसा महसूस होता है, और हम यह भी जानते हैं कि हिम्मत, स्पष्ट इरादे और दृढ़ समर्पण के साथ इस बुराई से कैसे लड़ा जाता है।”

उन्होंने हमले में जान गंवाने वाले बहादुर अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को सम्मानपूर्वक याद किया। साथ ही, उन्होंने उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया। उन्होंने विश्वास दिलाया कि “इज़राइल आतंकवाद को परास्त करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा। हम मुंबई हमले को याद करते हुए लोकतंत्र, स्वतंत्रता और हमारे साझा मूल्यों की पुष्टि करते हैं। हमारा अटूट विश्वास है कि जीवन हमेशा नफरत पर जीत हासिल करता है। आप इस लड़ाई में अकेले नहीं हैं; इज़राइल मजबूती से आपके साथ खड़ा है।”

आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस का भी समर्थन

भारत में फ्रांस के राजदूत, थिएरी मथाऊ, ने भी अपनी पोस्ट में कहा कि मुंबई हमले की 17वीं बरसी पर, फ्रांस पीड़ितों को सम्मान के साथ याद करता है। उन्होंने घोषणा की कि फ्रांस एकजुट होकर आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है और इस लड़ाई में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

पृष्ठभूमि: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में कई स्थानों पर हमला किया था। इस भयावह हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। आतंकवादियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नरीमन हाउस स्थित यहूदी केंद्र, कामा अस्पताल, मेट्रो सिनेमा और लियोपोल्ड कैफे जैसे प्रमुख और भीड़भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाया था।

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