ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा VB–G RAM G बिल 2025 : बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली (एजेंसी)। लोकसभा में ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ (VB–G RAM G) विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सशक्त पक्ष रखा। एनडीए की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए उन्होंने इस बिल को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कायाकल्प की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।
सांसद अग्रवाल के संबोधन के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
मनरेगा से आगे: आत्मनिर्भरता का नया मॉडल
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय रोजगार योजनाएं केवल ‘गड्ढे खोदने और भरने’ तक सीमित रह गई थीं, जिससे संसाधन और श्रम दोनों का दुरुपयोग होता था। मोदी सरकार द्वारा मनरेगा को नए स्वरूप में VB–G RAM G के रूप में परिवर्तित करना, ग्रामीण भारत को महज मजदूरी से निकालकर ‘स्थायी आजीविका’ की ओर ले जाने का प्रयास है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं और सुधार
संसद में तथ्यों को रखते हुए उन्होंने बताया कि यह विधेयक कैसे आम ग्रामीणों का जीवन बदलेगा:
रोजगार के दिनों में वृद्धि: अब ग्रामीण परिवारों को साल में 100 के स्थान पर 125 दिन का सुनिश्चित काम मिलेगा।
मजदूरी में बढ़ोतरी: श्रमिकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 240 रुपये प्रतिदिन करने का प्रस्ताव है।
पारदर्शिता और तकनीक: भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिजिटल पंजीकरण और बायोमैट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य बनाया गया है।
साप्ताहिक भुगतान: श्रमिकों को आर्थिक तंगी न हो, इसके लिए वेतन के साप्ताहिक भुगतान की व्यवस्था की जाएगी।
किसानों और कृषि क्षेत्र का समन्वय
सांसद ने बिल के एक महत्वपूर्ण पहलू की सराहना करते हुए कहा कि फसल की बुवाई और कटाई के समय इस योजना के तहत काम नहीं दिया जाएगा। यह एक दूरदर्शी निर्णय है जिससे खेती के पीक सीजन में किसानों को श्रमिकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
विकसित भारत का संकल्प
अग्रवाल ने अपने भाषण के अंत में जोर देकर कहा कि यह बिल केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ‘सशक्त गांव, समृद्ध किसान’ के सपने को पूरा करने का माध्यम है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह मिशन ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करेगा और पलायन जैसी समस्याओं पर अंकुश लगाएगा।
















