शिखर पुरुष अटल : आधुनिक भारत के निर्माता और लोकतांत्रिक मूल्यों के संवाहक

इंदौर/भोपाल (एजेंसी)। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में इंदौर के डेली कॉलेज में ‘शून्य से शतक’ समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस गौरवमयी कार्यक्रम में देश के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिरकत की। इस अवसर पर चार लब्धप्रतिष्ठित विभूतियों को ‘अटल अलंकरण’ से सम्मानित कर उनके योगदान को सराहा गया।
अटल जी का विजन: आधुनिक भारत की सशक्त नींव
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि अटल जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक शाश्वत विचार थे। उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पोखरण परमाणु परीक्षण जैसे ऐतिहासिक कदमों के माध्यम से आधुनिक भारत का आधार तैयार किया। उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि समावेशी विकास और सुशासन के प्रति उनका समर्पण आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणापुंज है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश उन्हीं के आदर्शों पर चलते हुए ‘विकसित भारत-2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
जीवन का प्रत्येक पृष्ठ राष्ट्रधर्म की सीख: राज्यपाल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने अटल जी को एक ‘चलता-फिरता महाकाव्य’ बताया। उन्होंने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि अटल जी का सान्निध्य मिलना उनके जीवन का सौभाग्य है। राज्यपाल के अनुसार, अटल जी ने गठबंधन की राजनीति के दौर में भी नैतिकता और समन्वय का जो उदाहरण पेश किया, वह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में मील का पत्थर है। उनकी कविताएं और उनका ओजस्वी भाषण देशवासियों में सदैव ऊर्जा का संचार करते रहेंगे।
अटल जी: राजनीति के अजातशत्रु और मर्यादा के प्रतीक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में अटल जी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि:
अटल जी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पहली बार हिंदी में भाषण देकर भारतीय भाषा और संस्कृति का मान वैश्विक स्तर पर बढ़ाया।
विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने 50 वर्षों तक संसदीय मर्यादाओं का पालन किया और लोकतंत्र को सशक्त बनाया।
आपातकाल के दौरान उन्होंने अडिग रहकर स्वाभिमान की लौ जलाई।
मूल्यों से समझौता करने के बजाय उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी 25 दिसंबर को ग्वालियर में अटल जी की स्मृति में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों और औद्योगिक निवेश का उपहार राज्य को समर्पित किया जाएगा।
प्रमुख उपलब्धियां और सम्मान
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा भेजा गया शुभकामना संदेश भी पढ़ा गया। समारोह में अटल जी के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई और ‘सदा अटल महाग्रंथ’ के तृतीय संस्करण के कवर पेज का विमोचन किया गया।
इन हस्तियों को मिला ‘अटल अलंकरण’:
श्री सत्यनारायण सत्तन (प्रसिद्ध कवि)
श्री सत्यनारायण जटिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
श्री संजय जगदाले (पूर्व क्रिकेट चयनकर्ता)
श्री पारंग शुक्ला (सागर)
इस गरिमामयी अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट सहित कई जन-प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
















