मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य क्रांति : धार में बनेगा देश का पहला पीपीपी मॉडल मेडिकल कॉलेज

धार/भोपाल (एजेंसी)। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने धार जिले में देश के पहले पीपीपी (Public-Private Partnership) मोड पर आधारित मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जहाँ सरकार और निजी संस्थान मिलकर चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेंगे।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

धार का यह मेडिकल कॉलेज स्वामी विवेकानंद शिक्षा धाम फाउंडेशन के सहयोग से तैयार किया जा रहा है।

लागत और विस्तार: लगभग 260 करोड़ रुपये की लागत से यह कॉलेज 25 एकड़ भूमि पर निर्मित होगा।

सरकारी सहयोग: राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए संस्थान को मात्र 1 रुपये की लीज पर भूमि उपलब्ध कराई है।

लाभ: इस कॉलेज के बनने से स्थानीय जनजातीय युवाओं को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा और क्षेत्र के निवासियों को इलाज के लिए इंदौर या भोपाल जैसे बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यहाँ नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे।

मध्यप्रदेश: स्वास्थ्य सेवाओं का नया नेतृत्व

शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि मध्यप्रदेश नवाचारी सोच के साथ देश का मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से देश में मेडिकल सीटों और कॉलेजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है और धार का यह प्रयोग पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगा।

राज्य में चिकित्सा शिक्षा का बढ़ता ग्राफ:

2003 में स्थिति: मात्र 5 मेडिकल कॉलेज।

वर्तमान स्थिति: प्रदेश में कॉलेजों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है।

भावी योजना: जल्द ही कटनी और पन्ना में भी मेडिकल कॉलेजों का भूमि-पूजन होगा। इसके अलावा भिण्ड, मुरैना, खरगोन, गुना और बालाघाट समेत कई अन्य जिलों में भी नए कॉलेज खोलने की तैयारी है।

धार को मिली 626 करोड़ की विकास सौगातें

मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने धार जिले के लिए 626 करोड़ रुपये की लागत वाले 93 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

शिक्षा और आवास: धार, मनावर और कुक्षी में 104 करोड़ की लागत से 26 नए छात्रावास।

औद्योगिक विकास: ‘पीएम मित्र पार्क’ के जरिए क्षेत्र के कपास किसानों को लाभ और 3 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन।

कनेक्टिविटी: इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन के लिए 18 हजार करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत।

जनकल्याण: सिकल सेल एनीमिया की जांच, एयर एम्बुलेंस सेवा और सड़क दुर्घटना में मदद करने वालों के लिए ‘राहवीर योजना’।

सेवा ही संकल्प

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल के माध्यम से समाज और सरकार की शक्ति मिलकर प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी।

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