अंतरराष्ट्रीय वन मेला : 7.5 करोड़ का कारोबार और बिचौलियों से मुक्ति की नई राह

भोपाल (एजेंसी)। राजधानी में आयोजित ’11वें अंतरराष्ट्रीय वन मेले’ ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। “समृद्ध वन—खुशहाल जन” के संकल्प के साथ आयोजित इस सात दिवसीय उत्सव में लगभग 2.5 करोड़ रुपये के हर्बल उत्पादों की बिक्री हुई। इसके साथ ही, व्यापारिक सत्र (बॉयर-सेलर मीट) में 5 करोड़ रुपये के व्यावसायिक समझौतों पर मुहर लगी।
वनवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण
मेले के समापन सत्र को संबोधित करते हुए जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य वनवासियों को बिचौलियों के चंगुल से बाहर निकालना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीधे बाजार उपलब्ध होने से आदिवासियों को उनकी मेहनत का सही दाम मिल रहा है।
प्रोत्साहन राशि: मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य है जो ‘श्री-अन्न’ (मिलेट्स) पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अलावा 1,000 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रहा है।
आत्मनिर्भरता: इन योजनाओं से जनजातीय समुदाय आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन रहा है।
आयुर्वेद को मिला वैश्विक मंच
वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि मेला केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को भी बढ़ावा दिया है।
बड़ी घोषणा: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में अगला भव्य वन मेला महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर उज्जैन में आयोजित किया जाएगा।
मेले की मुख्य झलकियां
सैलानियों का सैलाब: सात दिनों के भीतर लगभग 3 लाख लोगों ने मेले का भ्रमण किया।
स्वास्थ्य सेवा: पारंपरिक नाड़ी वैद्यों और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की ओपीडी में हजारों मरीजों ने निशुल्क परामर्श लिया।
प्रदर्शनी: कुल 350 स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें हर्बल रेसिपी और दुर्लभ जड़ी-बूटियां आकर्षण का केंद्र रहीं। बच्चों के लिए डायनासोर प्रदर्शनी विशेष आकर्षण रही।
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: कार्यशालाओं में नेपाल और भूटान के आयुर्वेदाचार्यों ने भी हिस्सा लेकर अपने अनुभव साझा किए।
उत्कृष्ट प्रदर्शन का सम्मान
कार्यक्रम के अंतिम दिन विभिन्न श्रेणियों में बेहतरीन स्टॉल और सेवाओं के लिए संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। साथ ही, निःशुल्क चिकित्सा सेवा देने वाले वैद्यों का भी सम्मान किया गया। इस अवसर पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जैसे एसीएस श्री अशोक बर्णवाल और वनोपज संघ की एमडी श्रीमती समीता राजौरा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
















