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नशे के कारोबार में लगे व्यक्ति सबसे घातक और खतरनाक अपराधी – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मादक पदार्थों के संबंध में स्कूल-कॉलेजों में सतर्कता बढ़ाना जरूरी
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की राज्य स्तरीय बैठक

हर जिले में प्रतिमाह हो नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की बैठक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा वर्ग को नशे की लत से बचाने के लिए सघन अभियान चलाना जरूरी है। युवाओं को नशा न करने की शपथ दिलाई जाए, इसके लिए आगामी शैक्षणिक-सत्र आरंभ होने पर स्कूल, कॉलेजों में गतिविधियाँ संचालित की जाए। नशे की आदत छुड़ाने के लिए भी विशेष प्रयास करने होंगे। प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार नशा-मुक्ति केन्द्र संचालित किए जाएँ। मादक पदार्थों से संबंधित गतिविधियों पर नियंत्रण, नशा-मुक्ति तथा नशे के विरूद्ध जन-जागरण के लिए निरंतर गतिविधियाँ संचालित करना आवश्यक है। नारकोटिक्स समन्वय तंत्र की जिला स्तरीय समितियों की प्रतिमाह बैठक हो और उनमें हुई कार्यवाही की जानकारी राज्य स्तरीय समिति के सामने रखी जाए। प्रदेश के जिन जिलों में एन.डी.पी.एस. न्यायालय गठित नहीं है, वहाँ तत्काल न्यायालयों का गठन किया जाए।

नशा-मुक्त भारत अभियान में मध्यप्रदेश रहा देश में प्रथम

जानकारी दी गई कि नशा-मुक्त भारत अभियान में केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा प्रदेश को देश में प्रथम और दतिया जिले को सर्वश्रेष्ठ जिला घोषित किया गया है। प्रदेश में वर्ष 2022 में एनडीपीएस एक्ट में 4740 अपराध पंजीबद्ध कर 5673 आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्यवाही की गई। नीमच, मंदसौर और रतलाम में अफीम पट्टों की सेटेलाइट मैपिंग की जा रही है। स्मैक, अफीम, गांजा, डोडाचूरा, हेरोइन आदि की जप्ती और विनिष्टीकरण तथा अवैध शराब और सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने, शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी भी बैठक में दी गई। बैठक में बार, पब, रेस्टोरेंट आदि में नशे से होने वाले नुकसान पर केन्द्रित साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य करने, डार्कनेट, क्रिप्टो करेंसी तथा ऑनलाइन शॉपिंग से हो रहे मादक पदार्थों के व्यापार पर रोक लगाने संबंधी विषयों पर भी चर्चा हुई।

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