छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के उनके प्रयासों को मिली बड़ी सफलता : मुख्यमंत्री  बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री  शाम यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के उनके प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है।

गौरतलब है कि विगत दिवस 25 जुलाई को राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 को मंजूरी दे दी। इसके पहले पिछले साल दिसम्बर में लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था। इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष  गिरीश देवांगन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री  बघेल ने राज्य सरकार के लगातार प्रयासों से मिली इस सफलता पर प्रतिनिधिमंडल को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समुदाय को उनके अधिकारों का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य ध्येय राज्य में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार के बनते ही आदिवासियों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर आगे कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण आदिवासी समुदाय को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया गया और उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को विभिन्न समाजों के माध्यम से जो ज्ञापन मिले, आयोग द्वारा उनकी सुनवाई कर ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार की इस पहल पर जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल में  बी.एल. ठाकुर, भारत सिंह, प्रेमलाल सिदार, रवि सिदार, मदनलाल, हीरालाल,  वेद्वती, डॉ. शंकरलाल उईके सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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