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पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर बयान देने को तैयार नहीं हैं : कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

नई दिल्ली (एजेंसी)। मणिपुर मुद्दे की वजह से संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामेदार रहा है। विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान पर अड़ा हुआ है। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा लगातार स्थगित हो रही हैं। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार हमें संसद में बोलने नहीं दे रही है। पीएम अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन वह हमें जवाब नहीं दे रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर बयान देने को तैयार नहीं हैं, वह संसद में नहीं बोल रहे हैं। वे भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है, लेकिन हम इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पिछले 11 दिनों से इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नूंह में हिंसा पर मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी के भारत में धर्म के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती और अगर लोग ऐसे विभाजनकारी तत्वों के खिलाफ एकजुट नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियों को इसके परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में जो हो रहा है और आरपीएफ कांस्टेबल ने जो किया वह भारत माता के दिल पर गहरा घाव देने जैसा है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ऐसी घटनाएं कमजोर कानून-व्यवस्था की स्थिति और हमारी कमजोर संवैधानिक संस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाती हैं। उन्होंने शांति की अपील की और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। 21वीं सदी में भारत में धर्म के नाम पर फैलाई जा रही हिंसा हमारी सभ्यता पर आघात है। आगे बोले की जनता में वैमनस्य का जहर घोलना और उन्हें आपस में लड़ाना हमारे संविधान का मजाक उड़ाने जैसा है।

खरगे ने एक ट्वीट में कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी से शांति बनाए रखने की अपील करती है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की माँग करती है। नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो !

हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं

हरियाणा के नूंह में सोमवार को ब्रजमंडल 84 कोस शोभायात्रा पर पथराव और फायरिंग के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पत्थरबाजी, गोलीबारी और आगजनी में दो होम गार्ड के जवानों की मौत हो गई है। गुरुग्राम में भी धार्मिक स्थल पर हमला हुआ है, इसमें एक की मौत हो गई है। नूंह हिंसा में डीएसपी समेत 12 पुलिस कर्मचारी घायल हैं। इसके अलावा 20 से अधिक आम लोग घायल हैं। इंटरनेट सेवा को बुधवार तक बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं।

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