ज्योतिष

आज का हिन्दू पंचांग

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 09 नवम्बर 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी सुबह 10:41 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी रात्रि 09:57 तक तत्पश्चात हस्त
योग – वैधृति शाम 04:49 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहु काल – दोपहर 01:47 से 03:10 तक
सूर्योदय – 06:49
सूर्यास्त – 05:58
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:06 से 05:58 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11:58 से 12:49 तक

व्रत पर्व विवरण – रमा एकादशी, ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस, गोवत्स द्वादशी
विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) एवं द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

रमा एकादशी : 09 नवम्बर 2023

एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?

1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।

2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।

हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।

एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।

4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।

7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।

9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।

10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।

11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।

12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।

14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।

इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।

गोवत्स द्वादशी – 09 नवम्बर 2023

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी को गोवत्स द्वादशी कहते हैं । इस दिन दूध देने वाली गाय को उसके बछड़े सहित स्नान कराकर वस्त्र ओढाना चाहिये, गले में पुष्पमाला पहनाना , सींग मढ़ना, चन्दन का तिलक करना तथा ताम्बे के पात्र में सुगन्ध, अक्षत, पुष्प, तिल, और जल का मिश्रण बनाकर निम्न मंत्र से गौ के चरणों का प्रक्षालन करना चाहिये ।

क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते ।
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नमः ॥

(समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से उत्पन्न देवताओं तथा दानवों द्वारा नमस्कृत, सर्वदेवस्वरूपिणी माता तुम्हे बार बार नमस्कार है।)

पूजा के बाद गौ को उड़द के बड़े खिलाकर यह प्रार्थना करनी चाहिए-
सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता ।
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ॥
ततः सर्वमये देवि मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरू नन्दिनी ॥

(हे जगदम्बे ! हे स्वर्गवसिनी देवी ! हे सर्वदेवमयि ! मेरे द्वारा अर्पित इस ग्रास का भक्षण करो । हे समस्त देवताओं द्वारा अलंकृत माता ! नन्दिनी ! मेरा मनोरथ पूर्ण करो।) इसके बाद गौमाता की आरती उतारनी चाहिए ।

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