देश-विदेश

मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे : पीएम मोदी

मथुरा (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र को जो मिलना चाहिए था, वो आजादी के बाद भी नहीं मिला। मैंने लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया था कि मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। भगवान के दर्शन और भी भव्य और दिव्य होंगे। पूरा क्षेत्र कान्हा की लीला से जुड़ा है। क्षेत्र अलग-अलग राज्य से आते हैं। केंद्र सबको जोड़कर विकास करेगा। जहां महाभारत होती है, वहां कृष्ण का आशीर्वाद होता है। हम इसी आशीर्वाद से विकास करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को मथुरा में ब्रज रज उत्सव और मीराबाई के 525 वें जन्मोत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि संतों ने कहा है कि वृंदावन सा वन नहीं, नंदगांव जैसा गांव नहीं और वंशी वट जैसा कहीं वट नहीं। मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। यहां भगवान के दर्शन और भी दिव्यता से होंगे। खुशी है कि यहां ब्रज तीर्थ विकास की स्थापना की गई है।

उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला है, ब्रजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है। क्योंकि यहां वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण और श्रीजी बुलाते हैं। ये कोई साधारण धरती नहीं है। ये ब्रज तो हमारे ‘श्यामा-श्याम जू’ का अपना धाम है। ब्रज ‘लाल जी’ और ‘लाडली जी’ के प्रेम का साक्षात अवतार है। ये ब्रज ही है, जिसकी रज भी पूरे संसार में पूजनीय है।

पीएम ने कहा कि मीराबाई महान सामाज सुधारक भी थीं। मीराबाई जैसी संत ने दिखाया कि नारी का आत्मबल पूरे संसार को दिशा दिखाने का कार्य करता है। मीरा बाई मध्यकाल की महान महिला ही नहीं थी बल्कि महान समाज सुधारक भी थी। हमारा भारत हमेशा से नारी शक्ति को बढ़ावा देने वाला देश रहा है। यहां कान्हा की नगरी में भी लाडली सरकार की ही चलती है। कृष्ण के पहले भी राधा लगता है, तभी उनका नाम पूरा होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए इस समारोह में आना एक और वजह से भी विशेष है। भगवान श्रीकृष्ण से लेकर मीराबाई तक का गुजरात से एक अलग ही रिश्ता रहा है। यहां मथुरा के कान्हा गुजरात जाकर ही द्वारकाधीश बने थे। राजस्थान से आकर मथुरा में आने वाली मीराबाई ने भी अपना अंतिम जीवन गुजरात में ही बिताया था। ब्रज की रज-रज में राधा रानी रमी हुई हैं। कण-कण में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं।

इससे पहले पीएम मोदी ने राधे-राधे और जय श्रीकृष्ण कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की। इसके बाद लोगों से विलंब से आने के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के चुनावी मैदान में था। वहां से भक्ति के माहौल में आया हूं।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button