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ओटीटी और थिएटर रिलीज़ के बीच के अंतर पर आमिर-अक्षय की अलग राय

डेस्क (एजेंसी)। ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म के आगमन के बाद से फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन (कमाई) पर पड़ने वाला असर लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है।

अभिनेता आमिर खान का मत है कि फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने के छह महीने बाद ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आना चाहिए। उनका मानना है कि वर्तमान में, जो फिल्में महज़ दो महीने या आठ सप्ताह के भीतर ही ओटीटी पर आ जाती हैं, उससे उनकी थिएटर से होने वाली कमाई प्रभावित होती है।

अब, अभिनेता अक्षय कुमार ने आमिर खान के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और उनसे असहमति जताई है। इतना ही नहीं, अक्षय ने इशारों-इशारों में आमिर के बयान पर तंज़ भी कसा है।

‘छह महीने लंबा समय है’

अक्षय कुमार ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि उनके हिसाब से तीन महीने का अंतराल (गैप) उचित है, जबकि छह महीने का समय बहुत लंबा है। उन्होंने तर्क दिया, “आखिरकार, ओटीटी प्लेटफॉर्म भी आपको डिजिटल राइट्स (अधिकारों) के लिए भुगतान कर रहे हैं। उन्हें भी इस सौदे से लाभ मिलना चाहिए।”

अक्षय ने ज़ोर दिया कि यह पूरी व्यवस्था महामारी से पहले की स्थिति में लौटनी चाहिए, जब सिनेमाघर और ओटीटी प्लेटफॉर्म दोनों एक साथ मौजूद थे और भली-भांति काम कर रहे थे।

अक्षय का तंज़: ‘शायद हम सही फिल्में नहीं बना रहे हैं’

इस दौरान अक्षय ने यह दावा किया कि फिल्म निर्माताओं को, जिनमें वह खुद भी शामिल हैं, ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ न्यायसंगत व्यवहार करना चाहिए और साथ ही अपनी फिल्मों के कंटेंट (विषय-वस्तु) को लेकर भी जागरूक रहना चाहिए।

आमिर के बयान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए अक्षय ने कहा, “जब डिजिटल राइट्स बेचने की बात आती है, तो निर्माता ख़ुशी-ख़ुशी ओटीटी प्लेटफॉर्म से पैसा ले लेते हैं। लेकिन जब हम चाहते हैं, तो हम आसानी से कह देते हैं कि हमारी फिल्में ओटीटी की वजह से नहीं चल रही हैं। हम यह नहीं सोचते कि शायद हम सही फिल्में नहीं बना रहे हैं।”

हालांकि, अक्षय ने सीधे तौर पर आमिर या किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह प्रतिक्रिया आमिर के पूर्व बयान को ही जवाब मानी जा रही है।

ओटीटी से प्रतिभा की तलाश

अक्षय कुमार ने यह भी स्वीकार किया कि वह अपनी फिल्मों के लिए प्रतिभाओं (टैलेंट) की तलाश में भी काफी ओटीटी कंटेंट देखते हैं। उनका मानना है कि ओटीटी के आने से फिल्म इंडस्ट्री में सभी को फायदा हुआ है।

उन्होंने मज़ाकिया लहजे में कहा, “मेरे पास फिल्में बनाने के अलावा कोई और काम नहीं है। चूँकि मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूँ, इसलिए मैं सिर्फ फिल्में ही बनाता हूँ। इसलिए मुझे ओटीटी देखने के लिए काफी समय मिलता है।”

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