बलूचिस्तान : पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले, बीएलए ने किया कई बड़ी कार्रवाई का दावा

बलूचिस्तान (एजेंसी)। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना को भारी क्षति पहुँचने की खबरें हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने प्रांत के कई अलग-अलग क्षेत्रों, जिनमें मस्तुंग, तुर्बत, कोहलू और चामलांग शामिल हैं, में पाकिस्तानी सेना पर हमले करने का दावा किया है। इसके अलावा, बीएलए का यह भी दावा है कि उन्होंने ‘शोषणकारी कम्पनियों’ के सुरक्षा कर्मियों को हिरासत में लेकर उनके हथियार ज़ब्त किए हैं।
पाकिस्तानी सेना के जवानों पर हमला
बीएलए के प्रवक्ता, जीयंद बलूच, के अनुसार, 1 दिसंबर को मस्तुंग के दश्त क्षेत्र में जालो गंडन नामक स्थान पर रेलवे ट्रैक की साफ़-सफ़ाई कर रहे पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाया गया। इस हमले में दो पाकिस्तानी सैनिक मौके पर ही मारे गए और एक अन्य घायल हो गया, जो भाग निकलने में सफल रहा।
उसी दिन तुर्बत में, बीएलए के लड़ाकों ने पार्क होटल के पास स्थित पाकिस्तानी सेना की एक चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया। बीएलए ने दावा किया है कि इस कार्रवाई में कई लोग हताहत हुए और संपत्ति को भी बड़ा नुकसान पहुँचा।
शोषणकारी कम्पनियों के सुरक्षा शिविरों पर कार्रवाई
बीएलए के एक बयान में कहा गया कि बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने कोहलू के सिंहारी क्षेत्र में एक गैस शोषणकारी कम्पनी के सुरक्षा कैंप को निशाना बनाया। कैंप में मौजूद प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारियों को हिरासत में लेकर उनके हथियार ज़ब्त कर लिए गए। कम्पनी के स्थानीय कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देकर रिहा कर दिया गया।
इसी तरह की एक कार्रवाई चामलांग के ट्रिपल मोड़ पर एक कोयला शोषणकारी कम्पनी के सुरक्षा कैंप पर भी की गई। वहाँ भी कम्पनी के कर्मचारियों को पकड़कर उनके हथियार ज़ब्त कर लिए गए और स्थानीय लोगों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
बीएलए की कंपनियों को चेतावनी
बलूच लिबरेशन आर्मी ने शोषणकारी गतिविधियों में शामिल सभी कम्पनियों से जुड़े लोगों को सख़्त चेतावनी दी है कि वे इन कम्पनियों को सुरक्षा देना या किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया कराना तुरंत बंद कर दें। बीएलए ने स्पष्ट किया है कि ऐसी गतिविधियों में शामिल होने वाले लोग अपने निजी और वित्तीय नुकसान के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।
पिछले हमलों का दावा
इससे पहले, बीएलए ने सोमवार को दावा किया था कि 28 से 30 नवंबर के बीच उन्होंने बलूचिस्तान में कुल 29 हमले किए, जिनमें 27 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए और 17 से अधिक घायल हुए।
बीएलए के बयान के मुताबिक, लड़ाकों ने ग्वादर के पसनी क्षेत्र में पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड कैंप पर कई ग्रेनेड लॉन्चरों से हमला किया। इसके अतिरिक्त, ग्वादर के जिवानी क्षेत्र में, सैन्य खुफिया एजेंसी के सदस्यों और दुश्मन के एजेंटों को रिमोट-कंट्रोल्ड आईईडी (IED) हमले से निशाना बनाया गया। यह हमला उस समय किया गया जब वे गाड़ियों से पैसे वसूल कर लौट रहे थे। इस धमाके के कारण सैन्य खुफिया एजेंसी के तीन एजेंट मारे गए और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
















