छत्तीसगढ़

संविधान बदलकर आरक्षण खत्म करना चाहती है भाजपा : दीपक बैज

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य है – संविधान बदल कर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना। लेकिन संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह भाजपा की राह में खड़ी है। जब तक कांग्रेस है – वंचितों से उनका आरक्षण दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती।

केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस सामाजिक रूप से वंचित लोगों के लिये हिस्सेदारी न्याय लागू करेगी। कांग्रेस के न्याय पत्र में हिस्सेदारी न्याय भारत के सामाजिक संरचना में क्रांतिकारी परिवर्तन लायेगा। कांग्रेस पार्टी पिछले सात दशकों से समाज के पिछड़े, वंचित, पीड़ित और शोषित वर्गों एवं जातियों के हक और अधिकार के लिए सबसे अधिक मुखरता के साथ आवाज़ उठाती रही है। कांग्रेस लगातार उनकी प्रगति के लिए प्रयास करती रही है। लेकिन जाति के आधार पर होने वाला भेदभाव आज भी हमारे समाज की हकीकत है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग देश की आबादी के लगभग 70 प्रतिशत हैं, लेकिन अच्छी नौकरियों, अच्छे व्यवसायों और ऊँचे पदों पर उनकी भागीदारी काफी कम है। किसी भी आधुनिक समाज में जन्म के आधार पर इस तरह की असमानता, भेदभाव और अवसर की कमी बर्दाश्त नहीं होनी चाहिये।

दीपक बैज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की मोदी सरकार जनहितैषी होने का केवल ढोंग करती है, असलियत यह है कि इनके फोकस में केवल अपने पूंजीपति मित्रों का मुनाफा है। अपने आप को पिछड़ा वर्ग का बताने वाले मोदी ने यह नहीं बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने वाला विधेयक पिछले डेढ़ साल से राजभवन में क्यों कैद है? आदिवासी हितैषी होने का पाखंड करने वाले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को बताना चाहिए कि आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का विधेयक राजभवन में कब तक बंधक रखा जाएगा? वन अधिकार अधिनियम में मोदी सरकार द्वारा किए गए आदिवासी विरोधी संशोधनों पर मौन क्यों है?

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 10 साल के राज में देश की संपत्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा मात्र 22 लोगों के पास है। 90 प्रतिशत देश की आबादी के पास देश की कुल संपत्ति का मात्र 10 प्रतिशत हिस्सा है। मोदी के शासनकाल में सिर्फ चंद उद्योगपतियों की संपत्ति के सैकड़ों गुना की बढ़ोतरी हुई है। एक औद्योगिक घराना देश की सारी संपदा सौंपने की कवायद मोदी सरकार में हुई सारी नीतियां उसी के लिये बनाया गया। आज मोदी देश के लोगों में संपत्ति का भय दिखा कर वोट मांग रहे है।

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