छत्तीसगढ़

मरम्मत एवं जीर्णोद्धार 843 स्कूलों का कार्य पूर्ण एवं 73 स्कूलों में है कार्य प्रगति पर

बालोद। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार बालोद जिले के शासकीय स्कूलों का विशेष प्राथमिकता के साथ मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने से वर्तमान में जिले के इन सभी शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को अध्ययन-अध्यापन की बेहतर परिवेश उपलब्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के सतत मार्गदर्शन में जिले में किए गए कार्यों के फलस्वरूप नये शिक्षा सत्र के पूर्व बालोद जिले के शासकीय स्कूलों का तस्वीर ही पूरी तरह से बदल गया है।

राज्य शासन के निर्देशानुसार नये शिक्षा सत्र के पूर्व बालोद जिले के मरम्मत योग्य सभी शासकीय स्कूलों का मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कर बेहतर स्वरूप में संवारा एवं सजाया गया है। जिससे की इन स्कूलों में अध्ययनरत् जिले के छात्र-छात्राओं को अध्ययन-अध्यापन के लिए बेहतर शाला भवन के साथ-साथ अनुकूल परिवेश भी मिल सके। उल्लेखनीय है कि मौजूदा शिक्षा सत्र में बालोद जिले के 843 स्कूलों का आवश्यकतानुसार मरम्मत एवं जीर्णोद्धार किया गया है।

इसके साथ ही जिले के 73 स्कूलों में कार्य प्रगतिरत है। विदित हो कि जिले के 958 स्कूलों के मरम्मत एवं जीर्णोंद्धार हेतु राज्य शासन से 60 करोड़ 60 लाख 64 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति की प्राप्त हुई थी। इसके अंतर्गत मिले राशि से जिले के शासकीय स्कूलों का मरम्मत एवं जीर्णांेद्धार होने से सभी स्कूल बेहतर एवं नये स्वरूप में आकार लेकर पूरी तरह से इन स्कूलों का कायाकल्प हो गया है। राज्य शासन से मिले 60 करोड़ 60 लाख रुपये से अधिक की राशि से शाला भवनों के मरम्मत, जीर्णोंद्धार एवं आकर्षक साज-सज्जा होने से नये शिक्षा सत्र में जिले के विद्यार्थियों को बेहतर शाला भवन के साथ-साथ अनुकूल शैक्षणिक माहौल एवं परिवेश मिल रहा है।

जिले के स्कूलों को संवारने हेतु जिले में किए गए बेहतर कार्यों की जिले के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए भूरी-भूरी सराहना की है। कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के सतत् मार्गदर्शन मंे शालाओं के मरम्मत एवं जीर्णोंद्धार तथा जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु जिले में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। जिससे कि राज्य शासन के मंशानुरूप बालोद जिले के विद्यार्थियों को नए शिक्षा सत्र में बेहतर शाला भवन, परिवेश एवं संसाधन उपलब्ध हो सके।

शासकीय स्कूलों के मरम्मत हेतु राज्य शासन से मिले राशि से आवश्यकतानुसार स्कूलों में अधोसंरचना से जुड़े कार्यों को पूरा करने के अलावा शाला भवनांे का पुट्टी कराने के साथ-साथ टाइल्स भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही स्कूलों के रंग-रोगन के अलावा दीवारों पर ज्ञानवर्धक सुक्तियाँ अंकित एवं कलात्मक चित्र भी बनाए गए हैं। इसके अलावा स्कूलों के खिड़की दरवाजे आदि का मरम्मत का कार्य भी किए गए हैं।

इसके फलस्वरूप शाला भवनों के मरम्मत एवं जीर्णोंद्धार होने से जिले के आदिवासी बाहुल्य डौण्डी विकासखण्ड के सुदूर वनांचल के शासकीय प्राथमिक शाला कोटागांव, डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला बड़गांव, गुण्डरदेही विकासखण्ड के प्राथमिक शाला सलोनी एवं कलंगपुर, बालोद विकासखण्ड के शासकीय प्राथमिक शाला गुरेदा, नारगी,  पार्री सहित वर्तमान में जिले के कुल 843 स्कूलों का कायाकल्प हो गया है।

जिले में हुए इस अभिनव कार्य की सराहना करते हुए जिले के गुरूर विकासखण्ड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पुरूर के कक्षा 12वीं के गणित के छात्र नोमेश कुमार, कु. रेणुका साहू, घनश्याम, कु. पल्लवी, कु. पिया साहू, कु. संगीता सेन सहित जिले के विद्यार्थियों ने इस कार्य को अपने लिए बहुत ही लाभप्रद बताया है। उन्होंने कहा कि उनके शाला भवन के मरम्मत एवं बेहतर परिवेश में साज-सज्जा होने से उनके लिए उपयुक्त शाला भवन एवं परिवेश मिल रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं छत्तीसगढ़ सरकार के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हंे हृदय से धन्यवाद दिया है।

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