छत्तीसगढ़

चावल उत्सव की तारीख बढ़ी : 7 जुलाई तक मिलेगा 3 महीने का राशन

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित ‘चावल उत्सव’ की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर घोषणा की कि अब 7 जुलाई तक जून, जुलाई और अगस्त का चावल एक साथ वितरित किया जाएगा। इससे उन लाखों राशन कार्डधारकों को राहत मिली है, जिन्हें अब तक उनका अनाज नहीं मिल पाया था।

सोमवार को खत्म हो गया था स्टॉक, अब बढ़ी मियाद

राज्य सरकार ने शुरुआत में चावल वितरण की आखिरी तारीख 1 जुलाई तय की थी, लेकिन वितरण की रफ्तार धीमी होने और सोसाइटियों में स्टॉक खत्म होने के कारण कई बीपीएल और एपीएल कार्डधारक चावल से वंचित रह गए। इसी को देखते हुए विभाग ने तारीख 31 जुलाई तक बढ़ाने का निर्णय लिया, पर जमीनी स्तर पर राशन 7 जुलाई तक बांटे जाने की बात कही जा रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: सोसाइटियों में चावल गायब, स्टॉक खत्म

विभाग दावा कर रहा है कि अब तक प्रदेश के 90% कार्डधारकों को चावल बांटा जा चुका है, लेकिन हकीकत ये है कि कई शहरों और ग्रामीण इलाकों की राशन दुकानों में “नो स्टॉक” के बोर्ड लग गए हैं। वहीं एपीएल कार्डधारकों को चावल मिलना लगभग बंद है। बीपीएल कार्डधारकों को भी लंबी लाइनें, आंशिक वितरण और बार-बार लौटने की मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है। कई दुकानों में सिर्फ जून माह का चावल दिया गया है, जिससे दो बार आना पड़ रहा है।

तीन महीने का चावल एक साथ क्यों?

बरसात के मौसम में राशन लाने में दिक्कत को देखते हुए सरकार ने जून, जुलाई और अगस्त का चावल एक साथ देने का फैसला किया था। लेकिन धीमी सप्लाई, नई ई-पॉस मशीनों की तकनीकी समस्याएं, और प्रबंधन की कमी के कारण अब तक करीब 8 लाख कार्डधारकों को चावल नहीं मिल सका।

ई-केवाईसी नहीं कराया तो राशन पर रोक!

वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत राशन पाने के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य किया गया है। 30 जून थी अंतिम तारीख, अब तक 29 लाख से अधिक लाभार्थियों का केवाईसी अधूरा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिन्होंने केवाईसी नहीं कराया, उनके नाम सिस्टम में ब्लॉक हो सकते हैं। हालांकि, सरकार ने तारीख बढ़ाने या नाम ब्लॉक करने पर कोई स्पष्ट आदेश नहीं जारी किया है।

भीड़ और अफरा-तफरी बनी रही

तारीख खत्म होने की आशंका से 1 जुलाई को दुकानों पर भारी भीड़ रही। दिनभर लंबी कतारों में लोग खड़े रहे। बाद में जब तारीख बढ़ाए जाने की सूचना आई तो संचालकों और हितग्राहियों ने राहत की सांस ली।

चावल उत्सव का उद्देश्य सराहनीय है, लेकिन स्टॉक मैनेजमेंट, वितरण व्यवस्था और तकनीकी अवरोध सरकार की योजना में बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। यदि स्टॉक की स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो यह योजना लोगों के लिए राहत की बजाय परेशानी बन सकती है। सरकार से अब उम्मीद है कि वितरण प्रक्रिया पारदर्शी, समान और समय पर हो।

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