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दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन : अल-फलाह ट्रस्ट संचालक जवाद सिद्दीकी पर संदेह, ₹90 करोड़ की धोखाधड़ी कर फरार

नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट के मामले में, जांच एजेंसियों को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। इस पूरे प्रकरण में अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के संचालक जवाद अहमद सिद्दीकी का नाम सामने आया है, और उन पर संदेह गहराता जा रहा है।

महू से जवाद सिद्दीकी का कनेक्शन और बड़ा घोटाला

जवाद सिद्दीकी मूल रूप से महू का निवासी है। जानकारी के अनुसार, वह कई साल पहले यहां से करोड़ों रुपये की ठगी करके फरार हो गया था। सूत्रों के मुताबिक, जवाद ने अपने भाई हमूद के साथ मिलकर एक चिट फंड कंपनी का संचालन किया था। इस कंपनी के माध्यम से उन्होंने आम नागरिकों के करीब 90 करोड़ रुपये का गबन किया। इस बड़े घोटाले के बाद, दोनों भाई अपने परिवार सहित लापता हो गए थे।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई और ‘अल-फलाह ट्रस्ट’ की स्थापना

जवाद ने इंदौर के एसजीएसआईटीएस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और सिविल सर्विसेज की परीक्षा की भी तैयारी की थी। बाद में, उसने ‘अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट’ नामक संस्था शुरू की, जो कथित तौर पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई है। बताया जाता है कि इस विश्वविद्यालय में तीन संस्थान और एक 600 बिस्तरों वाला अस्पताल संचालित है, जिसे 2015 में यूजीसी की मान्यता मिली थी।

अल-फलाह ट्रस्ट की नींव महू में ही रखी गई थी। कई पीड़ितों ने सामने आकर आरोप लगाया है कि जवाद ने हज यात्रा और निवेश के लुभावने नाम पर लाखों रुपये की ठगी की। यहां तक कि कुछ सैनिक परिवारों से भी बड़ी धनराशि वसूली गई थी।

जांच एजेंसियों की कार्रवाई और वित्तीय रिकॉर्ड की छानबीन

फिलहाल, जांच एजेंसियां दिल्ली ब्लास्ट के तार जोड़ते हुए जवाद अहमद सिद्दीकी और उनके पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही हैं। इसके साथ ही, अल-फलाह ट्रस्ट और उससे जुड़े सभी वित्तीय रिकॉर्डों को बारीकी से खंगाला जा रहा है ताकि धोखाधड़ी और संभावित आतंकी कनेक्शन की सच्चाई सामने आ सके।

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