सोनिया गांधी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग, 1980 की वोटर लिस्ट पर उठे सवाल

नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से जुड़ा एक वोटर लिस्ट का मामला अदालत में पहुंच गया है। उन पर यह आरोप है कि साल 1980 की वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल था, जबकि उन्होंने भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को प्राप्त की थी।
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में दायर इस याचिका पर अब 10 सितंबर को सुनवाई होगी। अदालत ने इस मामले की याचिका को विस्तार से पढ़ने के लिए समय मांगा है।
याचिका में मुख्य आरोप क्या हैं?
याचिका के अनुसार, साल 1980 में सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली लोकसभा की वोटर लिस्ट में दर्ज था। हालांकि, 1982 में इस पर आपत्ति उठाए जाने के बाद उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया था। याचिकाकर्ता ने यह सवाल उठाया है कि जब उन्होंने 1983 में ही भारत की नागरिकता ली, तो 1980 में उनका नाम वोटर लिस्ट में कैसे शामिल हुआ?
फर्जी दस्तावेजों का संदेह
याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए या तो फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया या फिर नियमों को अनदेखा किया गया। उन्होंने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए FIR दर्ज कर जांच की मांग की है।
पुलिस जांच की मांग
याचिका में दिल्ली पुलिस को इस पूरे मामले पर मुकदमा दर्ज करने, जांच करने और उसकी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
















