बांग्लादेश हिंसा पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री : हिंदुओं की स्थिति पर जताई गहरी चिंता

ढाका/मुंबई (एजेंसी)। पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों भीषण सांप्रदायिक हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता की आग में जल रहा है। शेख हसीना के विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद उपजे तनाव ने अब अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में एक हिंदू युवक को भीड़ द्वारा सरेआम जिंदा जलाने की रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जिस पर भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर बाबा) ने कड़ा रोष व्यक्त किया है।
“बच्चों को व्यापार नहीं, संस्कार दें” – बागेश्वर बाबा
मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने बांग्लादेश के हालात पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वहां हिंदुओं को सिर्फ उनकी आस्था के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने समाज को संदेश देते हुए कहा:
“बांग्लादेश में एक हिंदू को इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि वह हिंदू था। आज समय की मांग है कि हम एकजुट हों। आप अपने बच्चों को विरासत में व्यापार दें या न दें, लेकिन उन्हें संस्कार और अपनी संस्कृति की रक्षा का पाठ जरूर पढ़ाएं।”
इसी दौरान उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा गाय को ‘राज्य माता’ का दर्जा देने के फैसले की सराहना की और घोषणा की कि जल्द ही मुंबई के अंधेरी में बागेश्वर धाम का कार्यालय भी स्थापित किया जाएगा।
मासूम भी नहीं सुरक्षित: बर्बरता की सारी हदें पार
बांग्लादेश से आ रही खबरें दिल दहला देने वाली हैं। दीपू दास नामक युवक की नृशंस हत्या के बाद, कट्टरपंथियों ने अब एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची को भी जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया है। इस हमले में उसकी दो अन्य बहनें भी गंभीर रूप से झुलस गई हैं। हादी समर्थकों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि उनके नेता के हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे पूरे देश में और भी भीषण उत्पात मचाएंगे।
चुनाव और कट्टरपंथियों का एजेंडा
जानकारों का मानना है कि फरवरी में होने वाले आम चुनावों से पहले कट्टरपंथी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए आतंक का सहारा ले रहा है। बांग्लादेश में रहने वाले लगभग 1.30 करोड़ हिंदू इस समय बेहद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डर है कि चुनाव नजदीक आते ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की ये घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
















