मध्यप्रदेश

व्यावसायिक और कृषि शिक्षा के साथ कौशल विकास पर दें ज़ोर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा के क्षेत्र में सुविधाओं के निरंतर विस्तार पर बल दिया और कहा कि छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले दो वर्षों में ड्रॉप आउट रेट (बीच में पढ़ाई छोड़ने की दर) 21.4% से घटकर 16.8% रह गई है, और इसे और कम करने की दिशा में तेजी से काम करना ज़रूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रोत्साहन योजनाओं का अधिकतम विद्यार्थियों को लाभ मिले।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पिछले दो वर्षों में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी की द्वितीय परीक्षाएँ आयोजित कर समय सीमा में परिणाम घोषित किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ज़ोर दिया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के प्रयासों को बढ़ाया जाए।

शिक्षा विभाग को मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्देश

मंगलवार को विधानसभा समिति कक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्राचार्यों को प्रोत्साहित किया जाए।

“भवन एक, कक्षाएँ अनेक” की अवधारणा पर विचार किया जाए, जिसके तहत स्कूल भवन के खाली समय में महाविद्यालयों की कक्षाएँ संचालित करने की व्यवस्था शुरू की जाए।

परीक्षा परिणामों में सुधार के प्रयासों को और गति दी जाए। वर्ष 2024-25 के प्रथम परीक्षा परिणामों में कक्षा 10वीं का परिणाम 74% और कक्षा 12वीं का परिणाम 76% से अधिक रहा है। प्रथम और द्वितीय परीक्षाओं का औसत परिणाम क्रमशः 87% और 82% रहा है।

सरकारी स्कूलों में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों की संख्या में हुई वृद्धि को जारी रखा जाए।

योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और सुदृढ़ीकरण

बैठक में पाठ्य पुस्तकों का निःशुल्क वितरण, स्कूटी वितरण और साइकिल वितरण योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति पर चर्चा हुई।

बालिका शिक्षा और छात्रावास के लाभ छात्रों को दिए जा रहे हैं।

19 लाख बालिकाओं को ₹300 प्रति बालिका की दर से सेनिटेशन और हाइजीन किट का वितरण डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के माध्यम से किया गया है।

छात्रावासों में वॉशिंग मशीन, रोटी मेकर और मैट्रेस जैसी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत 210 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं।

सांदीपनि और पीएम श्री विद्यालयों के माध्यम से छात्रों को लाभ मिल रहा है।

भविष्य के लिए विभागीय एजेंडा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभाग को भविष्य के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देश दिए:

किताबों का वितरण हर स्तर तक सुनिश्चित किया जाए।

साइकिल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एक योजना तैयार की जाए।

नवोदय विद्यालय की तर्ज पर सांदीपनि आश्रम विद्यालय विकसित किए जाएँ।

व्यवसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए।

विद्यालयों में कृषि की शिक्षा को भी शामिल किया जाए।

छात्रों की रुचि के अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाए।

उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाए।

विद्यालयों तक पहुँचने के रास्ते में अगर कोई समस्या है, तो अन्य विभागों से समन्वय करके उसे ठीक किया जाए।

दूरस्थ और ज़रूरतमंद क्षेत्रों में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निजी विद्यालयों हेतु एक नीति बनाई जाए।

शिक्षा विभाग के पोर्टल और ऐप पर काम किया जाए ताकि शिक्षकों की परेशानियाँ कम हों।

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