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बाढ़ राहत में पंजाब सरकार का सराहनीय प्रयास

चंडीगढ़ (एजेंसी)। पंजाब में हाल ही में आई भयंकर बाढ़ के बाद, मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने जिस तरह से लोगों की मदद की, वह एक मिसाल बन गई है। आमतौर पर नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करके लौट जाते हैं, लेकिन मान ने खुद कीचड़ और पानी में उतरकर लोगों से मुलाकात की।

“मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुःख मंत्री हूँ”

बाढ़ पीड़ितों से मिलकर भगवंत मान ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुःख मंत्री हूँ।” इस बयान ने पंजाबियों के दिलों को छू लिया। उन्होंने संकट की घड़ी में लोगों के साथ एक गहरा भावनात्मक रिश्ता कायम किया।

सरकार ने नुकसान की भरपाई के लिए बड़े स्तर पर राहत योजनाएं चलाईं। किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ का मुआवजा सीधे दिया गया, जबकि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को ₹4 लाख की मदद दी गई। इसके अलावा, हर बाढ़ प्रभावित गाँव को तुरंत बसाने के लिए ₹1 लाख की सहायता भी प्रदान की गई।

सरकार और जनता का मिलकर काम करना

बाढ़ राहत और बचाव कार्यों में सरकार अकेली नहीं थी, बल्कि जनता ने भी कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। 2,300 से ज़्यादा गाँवों में स्वयंसेवकों और स्थानीय नेताओं ने मिलकर भोजन वितरण, चिकित्सा शिविरों का आयोजन और साफ़-सफाई का काम संभाला। इस तरह सरकार और जनता की साझेदारी ने राहत कार्यों को सफल बनाया।

स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छता अभियान

स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य अभियान चलाया। 15 सितंबर की रिपोर्ट के अनुसार, 2,303 गाँवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान शुरू किया गया। 2,016 गाँवों में हेल्थ कैंप लगाए गए, जहाँ 51,612 लोगों की जाँच और इलाज किया गया।

आशा वर्कर्स ने घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जाँच की और ज़रूरी दवाइयां और मेडिकल किट बांटे। लोग इस बात से बहुत प्रभावित हुए कि सरकार बिना बुलाए खुद उनके दरवाज़े तक पहुंची।

मच्छरों और बीमारियों की रोकथाम

बाढ़ के बाद बीमारियों के ख़तरे को देखते हुए स्वच्छता और मच्छरों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया गया। 1,861 गाँवों में मच्छरों के प्रजनन स्थलों की जाँच की गई और 1,08,770 घरों की स्क्रीनिंग की गई। जहाँ भी लार्वा मिले, वहां तुरंत छिड़काव किया गया। 878 गाँवों में फॉगिंग भी करवाई गई ताकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों को फैलने से रोका जा सके।

यह सब इस बात को दर्शाता है कि पंजाब सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटी, बल्कि आगे बढ़कर अपना फर्ज निभाया है। इस मिशन ने लोगों के बीच यह संदेश दिया है कि सरकार उनके साथ है और उनके भरोसे पर खरी उतरी है।

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