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बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सज़ा

ढाका (एजेंसी) | बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक महत्वपूर्ण मामले में सोमवार को ढाका स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बांग्लादेश) ने अपना फैसला सुनाया। न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया और कहा कि वह अधिकतम दंड की हकदार हैं। इसके साथ ही, कोर्ट ने उन्हें मौत की सज़ा सुनाई है।

भारत में हैं शेख हसीना

फैसला सुनाए जाने के समय, शेख हसीना भारत में मौजूद हैं। न्यायाधिकरण में मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया था, और कहा था कि वह इस तरह के फैसलों की परवाह नहीं करतीं।

आईसीटी के फैसले से ठीक पहले, अपने समर्थकों को जारी एक ऑडियो संदेश में हसीना ने दावा किया था कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार उनकी पार्टी, आवामी लीग, को खत्म करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा था कि यह इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि आवामी लीग जमीन से जुड़ी हुई पार्टी है।

हिंसा की आशंका और सुरक्षा व्यवस्था

दरअसल, अभियोजन पक्ष ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों के लिए मौत की सज़ा देने की मांग की थी। ऐसी स्थिति में, अगर फैसला शेख हसीना के खिलाफ आता, तो बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़कने की आशंका थी।

इसे देखते हुए, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने देश भर में सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने के निर्देश दिए हैं। ढाका पुलिस आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जात अली ने पुलिसकर्मियों को यह निर्देश भी दिया है कि यदि कोई व्यक्ति बसों में आग लगाने या कच्चे बम फेंकने की कोशिश करता है, तो उस पर गोली चलाई जा सकती है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं और गश्त दल को स्टैंडबाय पर रखा गया है। पिछले सप्ताह भर में, देशभर में करीब 40 आगजनी की घटनाएँ (ज्यादातर बसों को निशाना बनाकर) और दर्जनों बम विस्फोट हुए थे, जिनमें दो लोगों की जान भी चली गई थी।

सेना और सुरक्षा बलों की तैनाती

बांग्लादेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी), रैपिड एक्शन ब्रिगेड (आरएबी) और सेना के जवानों को प्रमुख चौकियों पर तैनात किया गया है। पुलिस ने इन कदमों को कानूनी रूप से सही ठहराने के लिए दंड संहिता की धारा 96 के तहत ‘निजी रक्षा’ का हवाला दिया है। हालांकि, मानवाधिकार समूहों ने इस आदेश पर चिंता जताई है, क्योंकि अतीत में इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो चुका है।

आवामी लीग का देशव्यापी बंद का आह्वान

शेख हसीना को सज़ा सुनाए जाने के दिन, उनकी पार्टी आवामी लीग ने पूरे बांग्लादेश में बंद (हड़ताल) का आह्वान किया है। पार्टी का दावा है कि उनकी नेता के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

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