पूर्व उपराष्ट्रपति और राज्यसभा : सदन में गरमागरम बहस

नई दिल्ली (एजेंसी)। राज्यसभा में मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के संबंध में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के पूर्व चेयरमैन के पद छोड़ने के तरीके पर सवाल उठाया।
विपक्ष के नेता खड़गे ने उठाया विदाई का मुद्दा
राज्यसभा के LoP मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन के पटल पर अपनी बात रखते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि आपको यह ज़िक्र करने पर बुरा नहीं लगेगा कि पूर्व चेयरमैन के राज्यसभा कार्यालय से अचानक कार्यमुक्त होने का मुझे उल्लेख करना पड़ रहा है।” उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि सदन को उन्हें औपचारिक विदाई देने का अवसर नहीं मिला। खड़गे ने कहा, “फिर भी, मैं पूरे विपक्ष की ओर से उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ।”
संसदीय कार्य मंत्री का पलटवार
खड़गे की टिप्पणी पर जवाब देते हुए, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को उनके पूर्व आचरण की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “मैं सदन को यह याद दिलाना चाहता हूँ कि आप यह भूल गए हैं कि आपने पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व चेयरमैन का अपमान करने के लिए किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था। आपके द्वारा पूर्व चेयरमैन के बारे में इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों को याद करें।”
रिजिजू ने आगे कहा कि उनके पास अभी भी विपक्ष द्वारा लाए गए हटाने के प्रस्ताव (रिमूवल मोशन) की एक प्रति है, जिसमें “पूर्व उपराष्ट्रपति के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा” और “रिमूवल नोटिस में इस्तेमाल किए गए शब्दों” का ज़िक्र है। उन्होंने विपक्ष से विचार करने को कहा कि उन्होंने ‘चेयर’ की गरिमा को कितना नुकसान पहुँचाया है।
मंत्री ने अंत में अपील करते हुए कहा, “इस विशेष अवसर पर, मेरी आपसे यह अपील है कि कृपया ऐसी किसी भी चीज़ का ज़िक्र न करें जो इस अवसर की आवश्यकता के अनुरूप न हो।”
















