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इस बार 6 दिन का दिवाली पर्व : 20 को लक्ष्मी पूजा, 21 को स्नान-दान, 22 को गोवर्धन पूजा

रायपुर। इस वर्ष दीपावली का उत्सव पूरे छह दिनों तक चलेगा। इसका मुख्य कारण यह है कि अमावस्या तिथि दो दिन, यानी 20 और 21 अक्टूबर, को व्याप्त रहेगी।

लक्ष्मी पूजन की तिथि

दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए गोधूलि बेला और अमावस्या तिथि, दोनों का होना आवश्यक माना जाता है। ये दोनों स्थितियाँ 20 अक्टूबर को एक साथ मिल रही हैं, इसलिए लक्ष्मी पूजन इसी दिन किया जाएगा।

स्नान-दान का महत्व

वहीं, अमावस्या तिथि पर किए जाने वाला स्नान और दान का कार्य 21 अक्टूबर को संपन्न होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि स्नान-दान के लिए प्रातःकाल में अमावस्या तिथि का होना जरूरी है, और यह स्थिति 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय रहेगी।

धनतेरस और त्रयोदशी

इस बार धनतेरस पर द्वादशी तिथि का लोप हो रहा है। एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा, क्योंकि सूर्योदय के समय यह तिथि व्याप्त रहेगी, और उदयातिथि के आधार पर ही एकादशी व्रत रखा जाता है। इसके अगले दिन 18 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा।

त्रयोदशी तिथि 17 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। चूंकि धनतेरस पर दीया जलाने और पूजन का विधान संध्याकाल का होता है, इसलिए इसमें उदयातिथि के बजाय संध्या समय की तिथि को देखा जाता है। अतः धनतेरस का पूजन 18 अक्टूबर को ही किया जाएगा।

दीपावली पर ग्रहों का शुभ संयोग

दीपावली के दिन तीन ग्रहों का एक विशेष संयोग बन रहा है: मंगल, सूर्य और बुध आपस में मिल रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, यह संयुक्त प्रभाव सभी राशि के लोगों के लिए शुभ फल देने वाला माना जा रहा है।

कार्तिक अमावस्या पर दीपावली पूजन स्थिर लग्न में करने का विधान है। जो लोग अमावस्या की रात स्थिर लग्न में महालक्ष्मी का पूजन करते हैं, उनके घर में माँ लक्ष्मी की स्थिरता बनी रहती है।

इस दिन निम्नलिखित योग निर्मित हो रहे हैं:

हंस महापुरुष योग: यह योग तब बनता है जब देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में गोचर करते हैं। यह धन, सम्मान, ज्ञान और सफलता के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

शनि वक्री योग: जब शनि देव वक्री चाल में मीन राशि में होते हैं, तो यह योग कुछ राशियों के लिए धन लाभ और अप्रत्याशित सफलता के योग बनाता है।

कलात्मक योग: कन्या राशि में शुक्र और चंद्र की युति से बनने वाला यह योग सुख-सुविधाएं, मानसिक शांति और रिश्तों में प्रेम प्रदान करता है।

बुधादित्य योग: तुला राशि में सूर्य और बुध की युति से बनने वाला यह योग बुद्धि, नेतृत्व क्षमता और सफलता दिलाता है।

6 दिन का दीपोत्सव कार्यक्रम

18 अक्टूबर: धनतेरस

19 अक्टूबर: रूप चौदस (नरक चतुर्दशी)

20 अक्टूबर: दीपावली – लक्ष्मी पूजन

21 अक्टूबर: दीपावली – स्नान-दान

22 अक्टूबर: गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)

अमावस्या तिथि का समय

महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि अमावस्या तिथि सोमवार को दोपहर बाद 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और यह 21 अक्टूबर, मंगलवार को दिन में 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। इस गणना के अनुसार, दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

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