हुमायूं कबीर का ममता बनर्जी को खुला ऐलान : 2026 में नई पार्टी से चुनावी मैदान में उतरेंगे, CM पद के लिए रखी शर्त

नई दिल्ली (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। बाबरी मस्जिद की नींव रखने का दावा कर चुके विधायक हुमायूं कबीर ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे चुनौती दे दी है। उन्होंने बुधवार को घोषणा की कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में सीएम बनर्जी की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े करेंगे। पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होने हैं। इससे पहले ही कबीर यह दावा कर चुके हैं कि बनर्जी 2026 में मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी। हुमायूं कबीर को तृणमूल कांग्रेस (TMC) पहले ही निलंबित कर चुकी है।
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “मैं 22 दिसंबर को एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने जा रहा हूँ। मैं ममता बनर्जी की पार्टी के विरोध में अपने प्रत्याशी उतारूंगा। राज्य में जो कोई भी मुख्यमंत्री बनेगा, उसे इसके लिए हुमायूं कबीर का समर्थन लेना ही पड़ेगा।” उन्होंने पहले भी कहा था कि अगले चुनाव में वह पश्चिम बंगाल की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका में उभरेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, कबीर ने मंगलवार को दावा किया कि 2026 के चुनाव में न तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और न ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को छू पाएगी। कबीर का अनुमान है कि 294 सदस्यीय विधानसभा में कोई भी पार्टी 148 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “चुनाव के बाद मैं किंगमेकर बनूंगा। मेरे समर्थन के बिना कोई भी सरकार नहीं बना पाएगा।” कबीर ने आगे कहा, “मैंने यह साफ कर दिया है कि मैं 135 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा। आप देखेंगे कि मैं जो पार्टी बनाऊंगा, वह इतनी सीटें जीतेगी कि जो भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा, उसे मेरी पार्टी के विधायकों के सहयोग की आवश्यकता होगी।”
टीएमसी ने उड़ाया मजाक
टीएमसी ने कबीर के इन बड़े दावों का उपहास किया है। सीएम बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रदेश महासचिव अरूप चक्रवर्ती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हुमायूं कबीर दिवास्वप्न देख रहे हैं। सरकार बनाने की बात करने से पहले उन्हें अपनी जमानत बचाने की कोशिश करनी चाहिए। उनके इस तरह के आधारहीन दावे उनकी राजनीतिक हताशा को ही दर्शाते हैं।”
















