अवैध सट्टेबाजी सिंडिकेट का भंडाफोड़, पूर्व कांग्रेस पार्षद मुख्य साजिशकर्ता करार

इंदौर (एजेंसी)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध ‘डब्बा ट्रेडिंग’ और ऑनलाइन सट्टेबाजी के एक बड़े नेटवर्क के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) अदालत में दाखिल अपनी हालिया चार्जशीट में ईडी ने इंदौर के पूर्व कांग्रेस पार्षद और शहर इकाई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, विशाल उर्फ गोलू अग्निहोत्री को इस पूरे अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड बताया है।
404 करोड़ रुपये का अवैध साम्राज्य
ईडी की जांच के अनुसार, यह नेटवर्क केवल स्थानीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ था। दुबई से जुड़े इस सिंडिकेट ने अवैध कमोडिटी एक्सचेंज और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लगभग 404.46 करोड़ रुपये की काली कमाई की। जांच की शुरुआत 2021 में मुंबई में दर्ज एक प्राथमिकी से हुई थी, जिसके बाद ईडी ने इंदौर सहित मुंबई, अहमदाबाद और चेन्नई जैसे शहरों में छापेमारी की।
सिंडिकेट के प्रमुख चेहरे और उनकी भूमिका
चार्जशीट में गोलू अग्निहोत्री के अलावा कई अन्य प्रमुख आरोपियों का भी विवरण दिया गया है:
तरुण श्रीवास्तव: अवैध वित्तीय लेनदेन और धन के प्रबंधन में मुख्य भूमिका।
श्रीनिवास रामासामी: तकनीकी विशेषज्ञ, जो फर्जी ट्रेडिंग दिखाने के लिए सर्वर में हेरफेर करता था।
अन्य सहयोगी: धवल देवराज जैन, धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी और निधि चांदनानी पर फर्जी प्लेटफॉर्म चलाने और सट्टेबाजी सिंडिकेट को संचालित करने का आरोप है।
करोड़ों की संपत्ति और नकदी जब्त
मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि होने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियों को कुर्क किया है। हालांकि, कुल अवैध कमाई (404 करोड़) की तुलना में अभी तक केवल 10% हिस्सा ही अटैच किया जा सका है।
जब्ती का विवरण: | संपत्ति का प्रकार मूल्य/मात्रा अचल संपत्ति ₹28.60 करोड़ नकदी (कैश) | ₹5.21 करोड़ चल संपत्ति व बैंक जमा ₹5.66 करोड़ चांदी और सोना 59.9 किलो चांदी, 100 ग्राम सोना क्रिप्टोकरेंसी ₹41 लाख
ईडी ने बताया कि इस सिंडिकेट से जुड़ी जांच अभी भी जारी है और नेटवर्क के अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है।
















