नई अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत की प्रगति : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली (एजेंसी)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा कि दुनिया भर में बढ़ रहे भू-राजनीतिक संघर्षों के कारण टैरिफ (सीमा शुल्क) अब वैश्विक अर्थव्यवस्था को एक नया आकार दे रहे हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, भारत 8% सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकसित भारत (विकसित राष्ट्र) बनने के लिए, जिसका लक्ष्य 2047 तक है, भारत को यह 8% की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
आत्मनिर्भरता और वैश्विक अस्थिरता का सामना
सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ का अर्थ यह नहीं है कि देश खुद को एक ‘बंद अर्थव्यवस्था’ बनाना चाहता है। उन्होंने माना कि हम वर्तमान में वैश्विक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन साथ ही विश्वास जताया कि भारत के पास बाहरी आर्थिक झटकों का सामना करने की पर्याप्त शक्ति है। उन्होंने यह बयान कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 के उद्घाटन भाषण के दौरान दिया।
भू-राजनीतिक तनाव और संरचनात्मक बदलाव
वित्त मंत्री ने वैश्विक व्यापार और निवेश में आ रहे परिवर्तनों को छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव नहीं, बल्कि बड़े संरचनात्मक बदलाव बताया। उन्होंने रेखांकित किया कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, प्रतिबंध, टैरिफ और अलगाववादी नीतियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (ग्लोबल सप्लाई चेन) को बदल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन भारत के लिए अवसर और चुनौती दोनों प्रस्तुत करते हैं। हमारे नीतिगत निर्णय ही तय करेंगे कि हम लचीलापन (लचीली नीतियों) दिखाते हुए वैश्विक लीडर बनते हैं या केवल अनिश्चितता से बचने की कोशिश करते हैं।
बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के साथ-साथ, भारत को व्यापार और ऊर्जा के असंतुलन को भी कुशलता से संभालना होगा। उन्होंने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि इन संस्थाओं की कमजोरी वैश्विक विश्वास को कम कर रही है, और इनमें सुधार आवश्यक है ताकि वैश्विक व्यापार और निवेश में स्थिरता लाई जा सके।
सीतारमण ने वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति को एक ऐतिहासिक मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि “इतिहास का चाप (Ark of History)” अब झुक रहा है, जो कम निवेश, धीमी ग्रोथ और स्थिरता के बीच बढ़ते तनाव से परिलक्षित होता है।