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पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट्स का आधुनिकीकरण: अमेरिका ने दी 686 मिलियन डॉलर के पैकेज को मंज़ूरी

नई दिल्ली (एजेंसी)। अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए एक बड़े पैकेज को मंज़ूरी दे दी है। यह पैकेज लगभग 686 मिलियन डॉलर (68.6 करोड़ डॉलर) का है।

इस अपग्रेड का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान वायु सेना (Pakistan Air Force) की क्षमताओं को बढ़ाना, दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतरसंचालन को मजबूत करना और इन विमानों के सेवाकाल को साल 2040 तक बढ़ाना है। ट्रम्प प्रशासन ने इस प्रस्ताव को अमेरिकी संसद के पास भेजा है, जहाँ इसे मंज़ूरी मिलने से पहले 30 दिनों की समीक्षा प्रक्रिया से गुजरना होगा।

सौदे में शामिल मुख्य विशेषताएँ

इस आधुनिकरण समझौते में कई महत्वपूर्ण प्रणालियाँ शामिल हैं:

लिंक-16 डेटा लिंक सिस्टम

क्रिप्टोग्राफिक उपकरण

एवियोनिक्स अपग्रेड

प्रशिक्षण मॉड्यूल

व्यापक रखरखाव और तकनीकी समर्थन

अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) के अनुसार, यह अपग्रेड पाकिस्तान के F-16 बेड़े की विश्वसनीयता और रख-रखाव क्षमता को सुधारेगा, साथ ही अमेरिकी और पाकिस्तानी वायु सेनाओं के बीच समन्वय (Coordination) को बेहतर बनाएगा। DSCA ने यह स्पष्ट किया कि यह बिक्री अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के उद्देश्यों का समर्थन करती है, क्योंकि पाकिस्तान अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी (Major Non-NATO Ally) देश है।

पाकिस्तान के लिए इसका महत्व

पाकिस्तान के पास वर्तमान में लगभग 75 F-16 विमान हैं, जो 1980 के दशक से ही उसकी वायु सेना की रीढ़ रहे हैं। यह अपग्रेड विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इन विमानों को आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए उन्नत संचार और सेंसर प्रणालियों की सख्त ज़रूरत है।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें उतार-चढ़ाव आए हैं। 2018 में, ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता निलंबित कर दी थी, लेकिन अब यह अपग्रेड पैकेज संबंधों में सुधार का संकेत दे रहा है।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस मंज़ूरी का स्वागत किया है और इसे अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है। दूसरी ओर, अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं को लेकर सवाल उठाए हैं। हालांकि, DSCA ने साफ़ किया है कि यह पैकेज केवल मौजूदा बेड़े के रखरखाव और अपग्रेड के लिए है, न कि नए लड़ाकू विमानों की बिक्री के लिए।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी वायु सेना को आधुनिक बनाने के लिए चीन से जे-10सी (J-10C) विमान भी प्राप्त किए हैं, लेकिन F-16 अमेरिकी तकनीक पर आधारित उसकी मुख्य और भरोसेमंद सैन्य शक्ति बनी हुई है। यदि कांग्रेस इस सौदे को अंतिम मंज़ूरी देती है, तो यह पाकिस्तान के सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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