
नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई ऐसी योजनाएँ शुरू की हैं जो न केवल गरीबों के लिए, बल्कि मध्यम वर्ग के लिए भी फायदेमंद हैं। इन्हीं में से एक खास योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY). इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को उनका अपना घर दिलाने में मदद करना है।
PMAY योजना: शहरी और ग्रामीण
यह योजना दो हिस्सों में काम करती है: ग्रामीण और शहरी. मध्यम वर्ग के लिए जो हिस्सा है, वह प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) है। हाल ही में, PMAY-U 2.0 को मंज़ूरी मिली है, जिसका लक्ष्य अगले पाँच सालों में शहरी क्षेत्रों में लगभग 1 करोड़ गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने में मदद करना है। यह सहायता राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और ऋण संस्थानों (PLIs) के माध्यम से दी जाएगी।
पात्रता की शर्तें
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें हैं। इसका फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG) के परिवार उठा सकते हैं। सबसे ज़रूरी शर्त यह है कि आवेदक या उसके परिवार के पास पूरे देश में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए।
EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग): वे परिवार जिनकी सालाना आय ₹3 लाख तक है।
LIG (निम्न आय वर्ग): वे परिवार जिनकी सालाना आय ₹3 लाख से ₹6 लाख के बीच है।
MIG (मध्यम आय वर्ग): वे परिवार जिनकी सालाना आय ₹6 लाख से ₹9 लाख के बीच है।
योजना की श्रेणियां
PMAY-U 2.0 को चार मुख्य श्रेणियों में बाँटा गया है:
लाभार्थी आधारित निर्माण (BLC): इस श्रेणी में, EWS परिवारों को अपनी ज़मीन पर नया घर बनाने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता दी जाती है।
भागीदारी में किफायती आवास (AHP): इस हिस्से में, सरकारी या निजी संस्थाओं द्वारा सस्ते घरों का निर्माण किया जाता है और फिर वित्तीय मदद देकर EWS लाभार्थियों को आवंटित किया जाता है।
किफायती किराये के आवास (ARH): यह उन लोगों के लिए है जो अपना घर खरीदना नहीं चाहते या जिनके पास वित्तीय क्षमता नहीं है, लेकिन उन्हें कम समय के लिए किराए पर रहने की ज़रूरत है। इस योजना के तहत साफ-सुथरे और किफायती किराए के घर उपलब्ध कराए जाते हैं।
ब्याज सब्सिडी योजना (ISS): यह योजना EWS, LIG और MIG परिवारों को होम लोन पर सब्सिडी देती है। इसमें, ₹35 लाख तक के घर के लिए ₹25 लाख तक के होम लोन पर 4% की ब्याज सब्सिडी दी जाती है, बशर्ते कुछ शर्तें पूरी हों। पात्र लाभार्थियों को ₹1.80 लाख की सब्सिडी पाँच वार्षिक किश्तों में दी जाती है।