मध्यप्रदेश

राष्ट्रीय नाट्य प्रशिक्षण का उत्कृष्ट केंद्र बनेगा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रंगमंच और कलाएँ युवा पीढ़ी में राष्ट्र प्रेम की भावना को बढ़ावा देंगी और उन्हें भारत के गौरवशाली अतीत से जोड़ेंगी। उन्होंने ज़ोर दिया कि नाटकों और फिल्मों में सशक्त संदेश देने की बड़ी क्षमता है, इसलिए इनका उपयोग सार्थक संदेश और भारतीय संस्कृति के प्रचार के लिए किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि भोपाल का भारत भवन अब राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के साथ मिलकर देश में रंगमंच प्रशिक्षण का एक उत्कृष्ट केंद्र बनेगा। उन्होंने यह बात शनिवार को भारत भवन में हुए दो महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर के अवसर पर कही।

महत्त्वपूर्ण समझौते और पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में दो महत्त्वपूर्ण समझौते किए गए:

भारत भवन के रंगमंडल और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के बीच अनुबंध:

इस समझौते के तहत, भारत भवन के रंगमंडल में नाट्य गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा।

रंगमंडल की रेपर्टरी की पुनर्स्थापना होगी।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाले श्रेष्ठ नाटकों का मंचन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के बीच अनुबंध:

इस समझौते के तहत, प्राचीन स्मारकों के विकास के साथ-साथ वहाँ सांस्कृतिक आयोजनों का संचालन किया जाएगा।

रंगमंच प्रशिक्षण और कलाओं का महत्व

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि NSD से जुड़ने के बाद ‘भारत भवन’ का नाम सचमुच सार्थक होगा, क्योंकि पूरे देश से बड़ी संख्या में विद्यार्थी रंगमंच प्रशिक्षण के लिए यहाँ चयनित होंगे और उनकी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रशिक्षुओं को केवल NSD तक जाना पड़ता है, लेकिन आने वाले समय में भारत भवन का रंगमंडल नाट्य प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

उन्होंने कलाओं के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए महाकवि कालिदास और उनके लोकप्रिय नाटकों, साथ ही सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के काल में कलाओं की समृद्धि का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यथार्थ आधारित फिल्मों के निर्माण को भी प्रोत्साहन दिया है, क्योंकि ‘कश्मीर फ़ाइल’ जैसी फिल्में युवाओं को गौरवशाली अतीत जानने और राष्ट्र प्रेम का भाव बढ़ाने का अवसर देती हैं, जबकि एक समय ऐसा था जब राष्ट्रभक्ति पर फिल्में बनाने वाले गिने-चुने फिल्मकार ही थे (जैसे मनोज कुमार)।

विरासत संरक्षण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण

केंद्रीय मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन दोनों समझौतों को महत्त्वपूर्ण बताया और विरासत के संरक्षण के साथ विकास में प्रधानमंत्री श्री मोदी के विश्वास को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरा-संपदा को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का कार्य किया जा रहा है और राज्यों के सहयोग से पुरा-संपदा के संरक्षण का कार्य तेज़ी से बढ़ाया जाएगा।

श्री शेखावत ने कहा कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सहयोग से मध्य प्रदेश में एक नया सांस्कृतिक सूर्योदय हो रहा है। उन्होंने नाट्य शास्त्र में निहित गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया और इन प्रयासों को सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए आवश्यक बताया।

NSD के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, एक्टर रघुवीर यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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