श्रमिकों के हितों के लिए नई श्रम नीति : केंद्र सरकार की पहल

नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार जल्द ही देश के कामगारों के कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय श्रम नीति लाने की तैयारी में है, जिसे श्रम शक्ति नीति -2025 नाम दिया गया है। यह नीति एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में कार्य करेगी, जिसका उद्देश्य पूरे देश के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल, वेतन, सुरक्षा, सामाजिक संरक्षण और उनके भविष्य की सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं को और अधिक उन्नत बनाना है।
मसौदा तैयार, हितधारकों से मांगे जाएंगे सुझाव
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस नीति का मसौदा (draft) तैयार कर लिया है। खबरों के अनुसार, इसे जल्द ही जारी किया जाएगा ताकि विभिन्न हितधारकों से सुझाव लिए जा सकें। इस नई पहल का मुख्य लक्ष्य देश की श्रम शक्ति को एक एकीकृत दिशा प्रदान करना है। वर्तमान में, श्रमिक क्षेत्र के लिए कोई केंद्रीय या एकीकृत नीति मौजूद नहीं है, जिसके कारण मंत्रालय ने यह मसौदा तैयार किया है।
कार्यप्रणाली और कार्य संस्कृति में अपेक्षित बदलाव
वर्तमान में, कंपनियां, फर्म और संस्थाएं श्रमिकों से संबंधित योजनाओं और कार्यों को पूर्व-निर्धारित कानूनों के आधार पर संचालित करती हैं। चूंकि उनके लिए कोई एकीकृत मानक नहीं हैं, इसलिए कार्यस्थल पर उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने में एकरूपता नहीं आ पाती है। नई श्रम शक्ति नीति इन सबके लिए एक मानक के रूप में काम करेगी।
मंत्रालय का मानना है कि यह नीति आगामी समय में भारत की कार्य संस्कृति को एक नई दिशा देगी। इससे संगठित और असंगठित क्षेत्र के करोड़ों श्रमिकों को मुख्यधारा में लाने में सहायता मिलेगी।
नीति की आवश्यकता एवं लक्ष्य
श्रम शक्ति नीति-2025 का लक्ष्य केवल रोजगार सृजन तक सीमित नहीं है। इसका प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के हर श्रमिक को एक सम्मानजनक, सुरक्षित और समान अवसरों वाला कार्य वातावरण प्राप्त हो। इस नीति के माध्यम से केंद्र सरकार चाहती है कि भारत का श्रम क्षेत्र न केवल उत्पादकता बढ़ाए, बल्कि समावेशी विकास में भी अपनी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करे।
लागू होने की समय-सीमा
हितधारकों से सुझाव मिलने के बाद, केंद्र सरकार इस नीति से संबंधित अंतिम अधिसूचना (notification) जारी करेगी। अनुमान है कि इसे अगले वर्ष की शुरुआत (early next year) में लागू किया जा सकता है। राज्य सरकारों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में इसे लागू करने की सलाह दी जाएगी, जिससे श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए देश में एक बेहतर कारोबारी माहौल बनाया जा सके।
नीति के प्रमुख उद्देश्य और प्रावधान
नीति में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया जाएगा:
समान वेतन और बेहतर सुविधाएं: योग्यता और अनुभव के आधार पर सभी श्रमिकों के लिए समान वेतन (equal pay) और बेहतर कार्यस्थल सुविधाओं को अनिवार्य करना।
सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा: एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली (universal social security system) लागू करना, ताकि हर श्रमिक को बुनियादी सुरक्षा मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
महिला और युवा सशक्तिकरण: महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देना और उनके लिए आगे बढ़ने के समान अवसर उपलब्ध कराना।
बुनियादी सुविधाएं: कार्यस्थलों पर सुरक्षा, स्वच्छता और चिकित्सा (medical) जैसी बुनियादी सुविधाओं को अनिवार्य बनाना।
श्रमिकों की भागीदारी: नीति निर्माण की प्रक्रिया में श्रमिकों के सुझावों को शामिल करना, जिससे कार्यस्थल पर बेहतर सुविधा और माहौल सुनिश्चित हो सके।
अतिरिक्त कार्य के लिए सुविधा: आपसी सहमति से अतिरिक्त कार्यअवधि और उसके लिए अतिरिक्त भुगतान (extra payment) की सुविधा को बढ़ावा देना।