मध्यप्रदेश

गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना हमारा मुख्य लक्ष्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल (एजेंसी)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य सत्ता को व्यवस्थाओं में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनाना है, ताकि समाज के सबसे गरीब व्यक्ति के जीवन में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि आम जनता के सुख के लिए हर संभव प्रयास करना राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है।

उन्होंने ‘पाञ्चजन्य सुशासन संवाद 2.0’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘पाञ्चजन्य’ पत्रिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका भारतीय विचार परम्परा की एक सशक्त संवाहक (मज़बूत माध्यम) है और यह अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा से कर रही है। मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीकृष्ण और पाञ्चजन्य शंख का उदाहरण देते हुए कहा कि यह समय से पहले सावधान करने और धर्म के मार्ग पर चलने का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर भी गर्व व्यक्त किया कि भगवान श्रीकृष्ण के विराट व्यक्तित्व में उज्जैन के संदीपनि आश्रम में प्राप्त शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

यह कार्यक्रम भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित हुआ था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह कार्यवाह श्री हेमंत मुक्तिबोध, प्रांत संघचालक श्री अशोक पांडे और पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेष शंकर ने सम्मानित किया और पत्रिका का विशेष अंक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों – माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री विजय मनोहर तिवारी, स्वामी विवेकानंद हेल्थ मिशन सोसायटी के निदेशक डॉ. प्रवीण रेड्डी और डीबीजी टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक श्री अभिशेक गर्ग को भी सम्मानित किया।

जन-कल्याण और नवाचार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जन-कल्याण के पथ पर आगे बढ़ते हुए कई नवाचार (Innovation) कर रही है।

नदी जोड़ो अभियान: प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ नदी जोड़ो गतिविधियों को शुरू किया गया है। इससे “नदियों का मायका” कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के साथ-साथ कम जल वाले पड़ोसी राज्यों को भी लाभ मिलेगा।

शिक्षा में भारतीयता: शिक्षा को भारतीयता की भावना के अनुरूप बनाने के लिए विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर का पदनाम बदलकर कुलगुरू किया गया है।

सामाजिक भागीदारी: राज्य सरकार ने गुरूपूर्णिमा और गीता जयंती जैसे प्रमुख त्योहारों को समाज के साथ मिलकर मनाने की परंपरा शुरू की है, ताकि समाज में आनंद और उत्सव का माहौल बन सके।

बुनियादी सुविधाएँ और आर्थिक विकास

राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

ऊर्जा और किसान: स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए किसानों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सौर ऊर्जा पम्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे सब्सिडी में बची राशि को विकास के अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा।

कल्याणकारी योजनाएँ: भावान्तर योजना, लाड़ली बहना योजना और युवाओं के लिए रोजगारोन्मुखी उद्योग संवर्धन गतिविधियों के माध्यम से राज्य सरकार अन्नदाता (किसान), महिलाओं और युवाओं की बेहतरी के लिए काम कर रही है।

स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: पीपीपी (PPP) मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित करने का नवाचार किया गया है, और सभी विश्वविद्यालयों में कृषि आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

रोजगार सृजन: प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा स्वीकृत पीएम मित्र पार्क से तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। राज्य में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं और महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास अधिनियम 2025 को भी मंजूरी दी गई है।

तेजी से निवेश और विकास की गति

मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश रोजगार-आधारित उद्योगों के लिए विशेष रियायतें और अनुदान प्रदान कर रहा है।

रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव: क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला यह नवाचार करने वाला मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए इस समिट में 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। वर्तमान में 8 लाख करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर काम चल रहा है, और 6 लाख करोड़ रुपए की औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन/लोकार्पण हो चुका है।

उच्च विकास दर: मुख्यमंत्री ने गर्व से बताया कि मध्य प्रदेश देश में सबसे तेज गति से निवेश संवर्धन का कार्य कर रहा है, और 24 प्रतिशत की विकास दर (Growth Rate) पर चल रहा है।

अन्य पहलें: उन्होंने वन्य प्राणी संवर्धन, पर्यटन को प्रोत्साहन देने और राजधानी के सात मुख्य मार्गों पर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले द्वारों के निर्माण की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

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