जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के दो प्रमुख प्रस्ताव

जोहान्सबर्ग (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन में दो महत्वपूर्ण पहलों का प्रस्ताव रखा, जो विशेष रूप से ग्लोबल साउथ (विकासशील देशों) के लिए बड़े फायदेमंद हो सकते हैं।
सैटेलाइट डेटा साझा करने के लिए साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को पूरी मानवता के लिए लाभकारी बताते हुए, एक जी20 ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।
उद्देश्य: इस पहल के तहत, जी20 देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों से प्राप्त सैटेलाइट डेटा और उसके विश्लेषण को ग्लोबल साउथ के देशों के लिए अधिक सुलभ, इंटरऑपरेबल (परस्पर कार्यशील) और उपयोगी बनाया जाएगा।
महत्व: अंतरिक्ष डेटा आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन के अध्ययन और खाद्य प्रणालियों की निगरानी में सहायता कर सकता है, जिससे विकासशील देशों को सीधा लाभ मिलेगा।
महत्वपूर्ण खनिजों के लिए चक्रीय अर्थव्यवस्था पहल
वैश्विक विकास और स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्स) की भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इन्हें मानवता की साझी संपदा बताया और जी20 क्रिटिकल खनिज चक्रीय पहल का प्रस्ताव रखा।
यह पहल री-साइक्लिंग, अर्बन माइनिंग और सेकंड-लाइफ बैटरी जैसे नवाचारों को बढ़ावा देगी।
चक्रीयता में निवेश से प्राथमिक खनन पर निर्भरता कम होगी, आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव घटेगा, और यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा।
यह पहल संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी मानकों और ग्लोबल साउथ में पायलट री-साइक्लिंग सुविधाओं को सहयोग दे सकती है।
खाद्य सुरक्षा और कृषि पर जोर
जी20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में ‘लचीला विश्व- आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन और खाद्य प्रणालियों में जी20 का योगदान’ पर चर्चा हुई। इस सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य सुरक्षा और पोषण पर उच्च-स्तरीय सिद्धांत पर आधारित एक रोडमैप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
चुनौतियाँ: उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और अन्य कारणों से कृषि क्षेत्र और खाद्य सुरक्षा पर खतरा बढ़ रहा है, और कई देशों के किसान उर्वरक, प्रौद्योगिकी, ऋण, बीमा और बाजार तक पहुंच जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
भारत के प्रयास:
भारत विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा और पोषण सहायता कार्यक्रम चलाता है।
भारत में सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम और सबसे बड़ी फसल बीमा योजना भी लागू है।
भारत श्री-अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा दे रहा है, जिन्हें पोषण और पर्यावरण दोनों के लिए सुपरफूड माना जाता है।
















