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प्राकृतिक आपदा पर राजनीति : ममता बनर्जी का पीएम मोदी पर पलटवार

नई दिल्ली (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो नेताओं पर हुए हमले के बाद राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार की आलोचना किए जाने पर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए उन पर प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

विवाद की शुरुआत

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी से भाजपा विधायक शंकर घोष राहत कार्यों का जायजा लेने घटना स्थल पहुंचे और कथित तौर पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हमले के बाद दोनों नेताओं ने एक वीडियो जारी कर अपने ऊपर हुई हिंसा की जानकारी दी।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने कड़ा विरोध दर्ज कराया, और प्रधानमंत्री मोदी ने भी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार को निशाने पर लिया।

पीएम मोदी ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, “पश्चिम बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद कर रहे हमारे पार्टी सहयोगियों, जिनमें एक मौजूदा सांसद और विधायक भी शामिल हैं, पर हमला होना बेहद भयावह है। यह TMC की असंवेदनशीलता और राज्य में कानून-व्यवस्था की बेहद दयनीय स्थिति को दर्शाता है।”

ममता बनर्जी का पलटवार

प्रधानमंत्री के ट्वीट के जवाब में, ममता बनर्जी ने भी ‘एक्स’ पर एक विस्तृत बयान जारी किया। उन्होंने लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद चिंताजनक है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उचित जांच का इंतजार किए बिना एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण करने का फैसला किया है, खासकर जब उत्तर बंगाल के लोग विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के बाद की स्थिति से जूझ रहे हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रशासन और पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगे थे, तब भाजपा नेताओं ने “बड़ी संख्या में कारों के काफिले के साथ और केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में” प्रभावित क्षेत्रों में जाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसा “स्थानीय पुलिस और प्रशासन को कोई सूचना दिए बिना” किया।

‘जांच के सबूत बिना आरोप’

प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, ममता बनर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने बिना किसी प्रमाणित सबूत, कानूनी जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट के सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल सरकार को दोषी ठहराया है। यह सिर्फ राजनीतिक गिरावट नहीं है, यह उन संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है, जिनकी रक्षा की शपथ प्रधानमंत्री ने ली है।”

उन्होंने जोर देकर कहा, “किसी भी लोकतंत्र में, कानून को अपना काम करना चाहिए, और केवल उचित प्रक्रिया ही दोषसिद्धि का निर्धारण कर सकती है। किसी राजनीतिक मंच से किया गया ट्वीट नहीं।”

‘विभाजन की राजनीति’ का आरोप

बनर्जी ने भाजपा पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “यह भी स्पष्ट है कि भाजपा चुनाव से पहले लोगों का ध्रुवीकरण करने की उम्मीद में उत्तर बंगाल बनाम दक्षिण बंगाल की घिसी-पिटी कहानी का सहारा ले रही है। हमें स्पष्ट कर देना चाहिए: बंगाल एक है – भावनात्मक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से।”

उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा, “मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करती हूं कि आप निर्वाचित राज्य सरकार की बात सुनें, न कि केवल अपने पार्टी सहयोगियों की। आप भारत के प्रधानमंत्री हैं, न कि केवल भाजपा के। आपकी जिम्मेदारी राष्ट्र निर्माण की है न कि विमर्श गढ़ने की।”

भाजपा नेताओं ने साझा किया वीडियो

इससे पहले, भाजपा नेताओं ने अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी देते हुए एक वीडियो साझा किया था। इस वीडियो में विधायक शंकर घोष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े स्थानीय लोगों ने दोनों नेताओं को लात-घूंसे मारे और पत्थर फेंके। वीडियो में सांसद मुर्मू घायल दिखाई दे रहे हैं, और उनके चेहरे से खून निकलता दिख रहा है।

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