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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं को दी टाइलनॉल दवा नहीं लेने की सलाह, छिड़ी बहस

वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस से एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को टाइलनॉल (पैरासिटामोल) लेने से साफ मना किया। उनका दावा है कि इस दवा का सेवन ऑटिज्म का कारण बन सकता है।

ट्रंप ने कहा, “टाइलनॉल मत लीजिए। बच्चे के जन्म के बाद भी इसे मत दीजिए।”

इसके बाद, मेडिकल विशेषज्ञों ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और विज्ञान-विरोधी बताया है। उनका कहना है कि इस दावे के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है। टाइलनॉल बनाने वाली कंपनी केनव्यू ने भी इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई विश्वसनीय विज्ञान नहीं है।

स्वास्थ्य संगठनों की चिंता

सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों ने ट्रंप के बयान पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं।

दूसरी ओर, ट्रंप प्रशासन ने यह दावा किया है कि कुछ शुरुआती अध्ययनों में एसिटामिनोफेन (जो टाइलनॉल का मुख्य तत्व है) और ऑटिज्म के बीच संबंध मिला है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ये अध्ययन शुरुआती हैं और इनसे यह साबित नहीं होता कि दवा के कारण ही ऑटिज्म होता है।

विवादित स्वास्थ्य सलाहों का इतिहास

ट्रंप का यह बयान उनके पहले कार्यकाल के दौरान की गई विवादास्पद स्वास्थ्य टिप्पणियों की याद दिलाता है। 2020 में, उन्होंने कोविड-19 के मरीजों में डिसइन्फेक्टेंट (कीटाणुनाशक) इंजेक्शन देने का सुझाव दिया था, जिसे वैज्ञानिकों ने खतरनाक और अव्यावहारिक बताया था।

अब स्वास्थ्य सचिव रॉबर्ट एफ. कैनेडी की नियुक्ति के बाद, प्रशासन वैक्सीन प्रोटोकॉल में बड़े बदलावों की बात कर रहा है। ट्रंप का मानना है कि बच्चों को दिए जाने वाले कई टीके असुरक्षित हैं। उन्होंने MMR वैक्सीन (खसरा, गलसुआ और रूबेला) को अलग-अलग शॉट्स में विभाजित करने और हेपेटाइटिस बी के टीके में देरी करने जैसे बदलाव सुझाए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से बच्चे कई गंभीर बीमारियों के प्रति असुरक्षित हो जाएंगे।

कच्चे दूध का मुद्दा

रॉबर्ट एफ. कैनेडी एक और विवाद में भी घिरे हैं। जून 2024 में, उन्होंने कच्चे दूध (रॉ मिल्क) को बैक्टीरिया से भरपूर बताते हुए कहा था कि वह सिर्फ पाश्चराइज्ड दूध पीते हैं।

पाश्चराइजेशन प्रक्रिया दूध में मौजूद हानिकारक सूक्ष्मजीवों को मारकर उसे सुरक्षित बनाती है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और CDC ने चेतावनी दी है कि कच्चे दूध में सैल्मोनेला, ई. कोलाई और लिस्टेरिया जैसे खतरनाक जीवाणु हो सकते हैं, जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए घातक साबित हो सकते हैं।

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