राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में भरी ऐतिहासिक उड़ान

अविस्मरणीय अनुभव: राफेल में राष्ट्रपति मुर्मू की उड़ान
नई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन से फ्रांस-निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर एक नया अध्याय लिखा। फ्लाइट सूट पहनकर राफेल में बैठने से पहले, उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। उड़ान भरने से पूर्व, राष्ट्रपति मुर्मू ने अधिकारियों से राफेल विमान की तकनीक, उसके संचालन के तरीके और सुरक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी ली। यह सर्वविदित है कि सशस्त्र बलों के कार्यों में राष्ट्रपति की हमेशा से ही गहरी रुचि रही है।
देश की रक्षा क्षमता पर गर्व की नई अनुभूति
बुधवार को भारतीय वायु सेना के राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर द्रौपदी मुर्मू ने इतिहास रच दिया। उन्होंने इस अनुभव को ‘अविस्मरणीय’ बताया और कहा कि इस उड़ान ने देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति उनके मन में गर्व की एक नई भावना जगाई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मुर्मू भारत की पहली राष्ट्रपति हैं जिन्होंने दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी है। इससे पहले, उन्होंने वर्ष 2023 में सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) में उड़ान का अनुभव लिया था।
उड़ान का विवरण और वायु सेना की तैयारी
राष्ट्रपति ने अंबाला वायु सेना स्टेशन से उड़ान भरी और लगभग 30 मिनट तक आकाश में रहीं, इस दौरान उन्होंने लगभग 200 किलोमीटर की दूरी तय की।
विमान समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ा, जिसकी गति लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे थी।
यह उड़ान 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी द्वारा संचालित की गई।
भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर होने के नाते, मुर्मू को राफेल की परिचालन क्षमताओं और वायु सेना की तैयारियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
अंबाला स्टेशन वही पहला एयरबेस है, जहाँ फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी से राफेल विमानों का पहला बेड़ा पहुंचा था।
विजिटर्स बुक में व्यक्त किए विचार
उड़ान भरने के बाद, राष्ट्रपति ने आगंतुक पुस्तिका (विजिटर्स बुक) में अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा कि “राफेल पर उड़ान भरना मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। शक्तिशाली राफेल विमान पर इस पहली उड़ान ने मुझमें देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना जगाई है। मैं इस उड़ान के सफल आयोजन के लिए भारतीय वायु सेना और अंबाला वायु सेना स्टेशन की पूरी टीम को बधाई देती हूँ।”
राफेल विमानों की खरीद और उनका आगमन
भारत ने राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से खरीदे हैं।
राफेल की पहली खेप 27 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी, जिसमें 5 राफेल विमान शामिल थे।
इन विमानों ने फ्रांस के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी, संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा एयरबेस पर संक्षिप्त ठहराव लिया, और फिर भारत पहुंचे।
सबसे पहले इन्हें अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया।
10 सितंबर 2020 को अंबाला एयरबेस पर एक औपचारिक प्रेरण समारोह (इंडक्शन सेरेमनी) आयोजित की गई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली मौजूद थीं।
इन विमानों को भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन, “गोल्डन एरोज” में शामिल किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पहले राफेल में उड़ान भर चुके हैं।
















