राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा : अभेद्य सुरक्षा घेरा और विशेष विमान

मास्को (एजेंसी)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत आने से पहले, सुरक्षा एजेंसियों ने वीवीआईपी सुरक्षा के अब तक के सबसे उच्च मापदंडों के लिए तैयारी पूरी कर ली है। पुतिन का विमान, जिसे दुनिया ‘आसमान में उड़ता किला’ मानती है, से लेकर ज़मीन पर आवाजाही के लिए सुरक्षित लिमोजिन तक, रूस अपनी पूरी टीम और आवश्यक उपकरण भारत लाता है। भारत पहुंचने पर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था को ‘फोर्ट्रेस सिक्योरिटी’ का नाम दिया गया है।
‘फोर्ट्रेस सिक्योरिटी’ एक ऐसा सुरक्षा तंत्र है, जिसके तहत मुख्य लक्ष्य को हर बाहरी खतरे से लगभग अभेद्य बना दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन चुनिंदा वैश्विक नेताओं में से हैं जिन पर राष्ट्रपति पुतिन बहुत अधिक भरोसा करते हैं।
सुरक्षा और आधिकारिक राजनयिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुतिन के विमान का सुरक्षा प्रोटोकॉल अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान से तुलनीय है, लेकिन यह कई मायनों में अपनी अलग विशेषता भी रखता है।
सड़क यात्रा के लिए रूसी बख़्तरबंद लिमोजिन
पुतिन की सुरक्षा केवल उनके विमान तक सीमित नहीं रहती। सड़क पर आवाजाही के लिए, रूस अपना पूरा मोटरकेड (सुरक्षा वाहनों का काफिला) भारत लाता है। इसमें विशेष रूप से औरुस सेनैत लिमोजिन शामिल है, जिसका उपयोग मॉस्को में भी राष्ट्रपति के काफिले में होता है। यह कार बुलेट-प्रूफ, ग्रेनेड-प्रूफ, आरपीजी विस्फोटकों का प्रतिरोध करने में सक्षम और हर्मेटिक सील से लैस होती है, जिससे यह गैस हमले के दौरान भी अंदर बैठे व्यक्ति को सुरक्षित रखती है।
‘उड़ता सैन्य मुख्यालय’: आईएल-96-3000 प्यू
रणनीतिक विमानन खुफिया नेटवर्क की गोपनीय रिपोर्टों के अनुसार, किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की यात्रा में उनका विमान सुरक्षा का सर्वोच्च मानदंड होता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के एयर फ़ोर्स वन और रूसी राष्ट्रपति के आईएल-96-3000 प्यू दोनों को वैश्विक सुरक्षा संरचना में ‘उड़ता हुआ सैन्य मुख्यालय’ माना जाता है, जिनमें अत्यंत मजबूत सुरक्षा व्यवस्था होती है।
पुतिन के विमान में एक मल्टी-लेयर मिसाइल जैमिंग सिस्टम होता है, जो दुश्मन के मिसाइल हमलों को भ्रमित करके उन्हें निष्क्रिय कर देता है।
दूसरी ओर, एयर फ़ोर्स वन में मिसाइल-रक्षा कवच और एक एंटी-इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स शील्ड लगी होती है, जो परमाणु या इलेक्ट्रॉनिक हमले के दौरान भी विमान को काम करने योग्य बनाए रखती है।
भारत की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का कूटनीतिक महत्व
राष्ट्रपति पुतिन के आगमन के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ज़मीन, पानी और हवाई क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एयरस्पेस प्रतिबंध, संचार जैमिंग, एंटी-ड्रोन शील्ड और महत्वपूर्ण मार्गों पर विशेष सुरक्षा तैनात की जाएगी।
विदेश नीति के विश्लेषक मानते हैं कि इतनी उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था केवल जोखिमों के प्रबंधन तक ही सीमित नहीं है। यह दोनों देशों के बीच के गहरे विश्वास, वैश्विक शक्ति संतुलन में उनकी स्थिति और उनके रणनीतिक संबंधों की मजबूती का भी एक कूटनीतिक संदेश देती है।
व्लादिमीर पुतिन के भारत आगमन के साथ, आसमान से लेकर सड़क तक की सुरक्षा तैयारियां दुनिया के शीर्षतम वीवीआईपी स्तर की हैं।
















