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प्रियंका का जासूसी का आरोप, सरकार की ओर से चर्चा का प्रस्ताव

नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों से संसद में गतिरोध समाप्त करने का आग्रह किया है। उन्होंने मंगलवार को विपक्षी आलोचनाओं का जवाब देते हुए जोर दिया कि सरकार हर मुद्दे पर खुली बहस के लिए तैयार है। यह जवाब विपक्ष द्वारा ‘संचार साथी’ ऐप को लेकर लगाए गए जासूसी के आरोपों के संदर्भ में आया है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में रिजिजू ने कहा कि विपक्ष को नए मुद्दों की तलाश करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पहले से ही कामकाज की सूची में कई विषय तय हैं। उन्होंने आश्वासन दिया, “हम विपक्ष द्वारा उठाए गए विषयों पर भी बहस करेंगे और आगे बढ़ने की रणनीति पर विचार करेंगे।”

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि हर चिंता का अपना महत्व है, लेकिन संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए उनका उपयोग करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, “सभी मुद्दे अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अगर आप इन मुद्दों को संसद को ठप करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, तो यह सही नहीं है।” उन्होंने आगे बताया कि वह विपक्षी नेताओं के संपर्क में हैं और उनके मुद्दों को कम नहीं आँक रहे हैं, लेकिन देश में एक नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण विषय हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए।

‘संचार साथी’ ऐप पर जासूसी के आरोप

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मंगलवार को दूरसंचार विभाग (डीओटी) के हालिया आदेश की तीखी आलोचना की। इस आदेश के तहत मोबाइल हैंडसेट पर ‘संचार साथी’ ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है। प्रियंका गांधी ने इस ऐप को सीधे तौर पर “जासूसी ऐप” करार दिया।

उन्होंने इस कदम को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि नागरिकों को निजता का अधिकार है। “हर किसी को सरकार की नज़र में आए बिना अपने परिवार और दोस्तों को संदेश भेजने की निजता का अधिकार होना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश को हर पहलू से तानाशाही की ओर धकेल रही है।

प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि संसद इसलिए नहीं चल रही है क्योंकि सरकार किसी भी विषय पर बात करने से इनकार कर रही है, जबकि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए चर्चा अपरिहार्य है। उन्होंने धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने और देश के हर नागरिक के फ़ोन पर निगरानी रखने के बीच एक बहुत ही बारीक रेखा का अंतर बताया और कहा कि सिस्टम को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए।

निगरानी का ‘मनहूस उपकरण’: वेणुगोपाल

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी डीओटी के निर्देशों की आलोचना की। उन्होंने इस ऐप को निगरानी का एक “मनहूस उपकरण” बताया।

डीओटी ने निर्देश दिया है कि मोबाइल हैंडसेट बनाने वाले और आयात करने वाले यह सुनिश्चित करें कि यह ऐप पहली बार इस्तेमाल करते ही उपयोगकर्ता को दिखाई दे और उपलब्ध हो, तथा इसे निष्क्रिय न किया जा सके। बाज़ार में पहले से मौजूद उपकरणों के लिए, कंपनियों को सॉफ़्टवेयर अपडेट के माध्यम से ऐप को अनिवार्य रूप से भेजने के लिए कहा गया है।

वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास ‘1984’ का हवाला देते हुए लिखा, “बिग ब्रदर हमें नहीं देख सकता।” उन्होंने इन निर्देशों को असंवैधानिक करार दिया और आरोप लगाया कि इसके ज़रिए उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों और बातचीत पर नज़र रखी जाएगी।

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